रातों-रात काटा जा रहा आम का बगीचा, वन विभाग की लापरवाही उजागर


सुनील पटेल
रिपोर्ट रुड़की हब
हरिद्वार-रुड़की वन क्षेत्र में इन दिनों वन माफियाओ ने आतंक मंचा रखा है या यह कहे की वन विभाग के अधिकारियो या कर्मचारियों की मिलीभक्त के चलते यह फलदार हरे-भरे पेड़ों के अवैध कटान हो रहा है, क्योंकि इस तरह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। दो दिन पहले ही बहादराबाद क्षेत्र में आम के बगीचे को काटा गया था, और अब भगवानपुर क्षेत्र के भलस्वागाज गांव के जंगल में बीती रात फिर से आम के पेड़ों पर आरी चला दी गयी।

जानकारी के मुताबिक, जैसे ही सेक्शन अधिकारी को सूचना मिली, वह मौके पर पहुंचे और तत्काल एक फॉरेस्ट गार्ड को भी बुलाया। लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही पेड़ काटने वाले लोग वन माफिया भाग निकले। पातन हुए पेड़ों को रुड़की रेंज में लाकर सुरक्षित कर लिया गया है, लेकिन इस घटना ने वन विभाग की कार्यशैली और सतर्कता पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

जब हर क्षेत्र में फॉरेस्ट गार्ड (बीट अधिकारी) तैनात हैं, तो आखिर ऐसी घटनाएं कैसे हो रही हैं? क्या यह विभागीय लापरवाही का मामला है या फिर किसी मिलीभगत की तरफ इशारा कर रहा है?

इस पूरे प्रकरण में (सेक्शन अधिकारी) वन दरोगा आशुतोष नीम की तत्परता ने बड़ी क्षति को टाल दिया। उन्होंने बताया कि यदि वह समय रहते मौके पर न पहुंचते तो पूरा बगीचा साफ कर दिया जाता।

अब देखना यह है कि वन विभाग के उच्च अधिकारी इस मामले की गहराई से जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करेंगे या फिर इसे भी बाकी मामलों की तरह फाइलों में दबा दिया जाएगा। हालांकि जानकरी के मुताबिक फिलहाल बगीचा स्वामी और कुछ वन माफियाओ के खिलाफ वन विभाग में केश दर्ज कर लिया गया है?

बड़ी बात

प्राकृतिक संसाधनों की इस खुली लूट पर रोक लगाने के लिए ज़मीनी स्तर पर सक्रिय निगरानी की सख्त ज़रूरत है। वरना हरिद्वार-रुड़की जैसे हरित क्षेत्र जल्द ही बंजर में तब्दील हो सकते हैं। हमारी इस खबर पर वन विभाग के उच्चधिकारी और वन मंत्री संघयान लेकर अधिकारियो की मॉनिटरिंग जरूर कराये!

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