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रुड़की(संदीप तोमर)। आम लोगों की सुविधा की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण मंगलौर क्षेत्र के आमखेड़ी और लक्सर क्षेत्र के मथाना गांवों के बीच सोलानी नदी पर प्रस्तावित पुल की 26 करोड़ की रकम केंद्र सरकार से मंजूर कराए जाने को लेकर इधर सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री रमेश चंद पोखरियाल निशंक के समर्थक दावा कर रहे हैं कि यह रकम उन्होंने स्वीकृत कराई है और इस सप्ताह सांसद को इसका शिलान्यास करना है। लेकिन पुल के लिए कानूनी लड़ाई लड़ने वाली आमखेड़ी की पूर्व प्रधान कुसुम देवी ने आज जहां न सिर्फ अपने पति जसबीर सिंह और ग्रामीणों के साथ मिलकर मौके पर पहुंच कर पूजन करते हुए शिलान्यास भी कर दिया,वहीं उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यह राशि हाईकोर्ट के आदेश पर स्वीकृत हुई है और प्रदेश सरकार द्वारा हाथ खड़े कर दिए जाने पर कानूनी रूप से उन्होंने ही इस लड़ाई को लड़ा। यहां मौजूद अधिवक्ता शुभ्र रस्तौगी ने इस बाबत हाईकोर्ट से जारी आदेश भी पत्रकारों को दिखाया।
ज्ञातव्य हो कि वर्ष 2006 में तत्कालीन राज्यसभा सांसद हरीश रावत ने सोलानी नदी पर मथाना व आमखेड़ी के बीच सात करोड़ रुपये से पुल के निर्माण को मंजूरी दिलाई थी। उस समय सरकार ने पचास लाख रुपये लगाकर इसकी डीपीआर तैयार कराई, पर इसके बाद निर्माण के लिए बजट नहीं दिया गया। वर्ष 2013 में पुल की लागत बढ़कर 13 करोड़ व 2018 में 26 करोड़ रुपये हो गई। पर फिर भी बजट नहीं मिला। गत वर्ष आमखेड़ी की पूर्व प्रधान कुसुम देवी ने इस बाबत नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। अधिवक्ता शुभ्र रस्तौगी ने बताया कि हाईकोर्ट में प्रदेश सरकार ने पुल के लिए बजट न होने की बात कही थी। किन्तु तमाम साक्ष्यों और तर्को के साथ ही पुल से जुड़े जनहित को देखते हुए जनवरी के पहले सप्ताह में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन व रमेश कुमार खुल्बे की खंडपीठ ने केंद्र सरकार को पुल के लिए बजट देने के आदेश दिए थे। जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने इसका बजट राष्ट्रीय राजमार्ग अथॉरिटी को दिया है। इधर सांसद निशंक समर्थकों के अनुसार इसी हफ्ते सांसद निशंक पुल का शिलान्यास करेंगे,लेकिन इससे पहले आज ही मामले की याची पूर्व प्रधान कुसुम देवी ने अपने पति व सेवादल नेता जसबीर सिंह एवं ग्रामीणों के साथ नदी तट पर पहुंचकर पूजा अर्चना कर पुल का शिलान्यास कर दिया। यहां पहुंची मंगलौर कोतवाली पुलिस व रुड़की के तहसीलदार मनजीत सिंह ने उन्हें रोकने की कोशिश भी की,पर हाईकोर्ट के आदेश देखकर पुलिस व प्रशासन को वापस आना पड़ा। कुसुम देवी का कहना है कि उनकी भागदौड़ से पुल के लिए बजट मिला है।