हरिद्वार में लुसेंट बायोटेक पर पंजाब पुलिस और ड्रग कंट्रोल विभाग की बड़ी कार्रवाई, भारी मात्रा में ट्रामाडोल टैबलेट्स ज़ब्त

हरिद्वार रुड़की
हरिद्वार के पुहाना स्थित लुसेंट बायोटेक लिमिटेड कंपनी में नशीली दवाओं की अवैध मैन्युफैक्चरिंग का पर्दाफाश हुआ है। पंजाब ड्रग कंट्रोलर विभाग और पंजाब पुलिस की टीम ने स्थानीय औषधि निरीक्षक अनीता भारती के साथ मिलकर संयुक्त छापेमारी की। इस दौरान लाखों रुपये की नारकोटिक ट्रामाडोल टैबलेट्स बरामद की गईं।

बताया जा रहा है कि ये टैबलेट्स मेरठ स्थित फर्जी कंपनी “कोनानड्रम फार्मास्युटिकल्स” के नाम पर बनाई जा रही थीं, जिनकी सप्लाई पंजाब के अमृतसर तक की जा चुकी थी। अमृतसर में इन दवाओं की खेप पकड़े जाने के बाद जांच हरिद्वार तक पहुंची।

ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती की मुश्देदी से मौके पर कार्रवाई की गई और करीब 3.25 लाख ट्रामाडोल टैबलेट्स (लगभग 325 किलोग्राम API) जब्त कर ली गईं, जिन्हें 13 ड्रम्स में तैयार किया जा रहा था। यह पूरी खेप बाजार में पहुंचने से पहले ही रोक दी गई।

जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा:

लुसेंट बायोटेक के पास वैध लाइसेंस है, लेकिन जिस कंपनी को थर्ड पार्टी मैन्युफैक्चरिंग दी गई थी वह अस्तित्व में ही नहीं पाई गई।

जांच के दौरान GMP के भारी उल्लंघन, रिकॉर्ड्स में खामियां, और दस्तावेज़ों की अनुपस्थिति सामने आई।

प्लांट हेड हरीकिशोर दस्तावेज़ प्रस्तुत करने में विफल रहे, उन्हें मौके पर ही गिरफ्तार कर NDPS एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू की गई।

पूछताछ में सामने आया कि विक्रम सैनी और आर्यन पंत नामक व्यक्ति दवा निर्माण के लिए कंपनी से जुड़े थे। आर्यन पंत फरार है, जबकि विक्रम सैनी से पूछताछ जारी है।

पूर्व में रिकॉल लाइफसाइंसेज़, रुड़की के नाम से एक वैध एग्रीमेंट भी प्रस्तुत किया गया, लेकिन अब संदेह के घेरे में है कि इसका उपयोग अवैध ट्रांजैक्शन को छुपाने के लिए किया गया हो।

ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती की सक्रियता की सराहना:
यह पूरी कार्रवाई श्रीमती अनीता भारती के सतर्क नेतृत्व में की गई। उन्होंने पंजाब से प्राप्त महत्वपूर्ण सुराग को गंभीरता से लिया और न केवल पंजाब पुलिस को अग्रिम सूचना दी बल्कि हरिद्वार में त्वरित और निर्णायक कदम भी उठाए। इस कार्रवाई से नारकोटिक दवा तस्करी की एक बड़ी साजिश नाकाम हो गई।

कार्रवाई में शामिल अधिकारी:

अनीता भारती – वरिष्ठ औषधि निरीक्षक, हरिद्वार

मेघा – औषधि निरीक्षक, हरिद्वार

पंजाब ड्रग्स कंट्रोल विभाग व पंजाब पुलिस की संयुक्त टीम

अब देखना यह है कि उत्तराखंड ड्रग कंट्रोल विभाग इस प्रकरण में लुसेंट बायोटेक लिमिटेड कंपनी के खिलाफ किस स्तर की सख्त कार्रवाई करता है, क्योंकि थर्ड पार्टी निर्माण से पहले कंपनी को उसकी वैधता की जांच करनी चाहिए थी, जो इस मामले में स्पष्ट रूप से नहीं की गई।

यह मामला न केवल औषधि निर्माण में लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि नशीली दवाओं के नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने के लिए राज्यों के बीच समन्वय की मिसाल भी पेश करता है।

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