रिपोर्ट रुड़की हब
रुड़की।।सावन माह में कांवड़ियों की सेवा के लिए जगह-जगह कांवड़ शिविर लगाए जाते हैं। व्यापारी, समाजसेवी से लेकर नेता तक, सभी शिविरों के माध्यम से श्रद्धालुओं की सेवा में जुटे हैं। कई बार यह सेवा सोशल मीडिया पर प्रचार का जरिया भी बन जाती है। तस्वीरें, वीडियो और लाइव पोस्ट के जरिए लोग अपने काम को प्रचारित करते हैं।
लेकिन इसी भीड़ और दिखावे के दौर में रुड़की नगर निगम प्रांगण में एक ऐसा कांवड़ शिविर चल रहा है जो पूरी तरह से शांति और समर्पण का प्रतीक बन चुका है। यहां सेवा हो रही है, पर बिना किसी कैमरे की फ्लैश और सोशल मीडिया की पोस्ट के।
इस शिविर को चलाने वाले श्रद्धालु कहते हैं, “हम सेवा नहीं कर रहे, भोलेनाथ अपने आप कर रहे हैं। हम तो सिर्फ माध्यम हैं।” उनका स्पष्ट मानना है कि सच्ची सेवा वही है जो बिना प्रचार के की जाए, और इसी वजह से वे यह भी नहीं चाहते कि उनकी कोई तस्वीर या वीडियो सोशल मीडिया पर डाली जाए।
यह शिविर उन सभी के लिए एक मिसाल है जो सेवा को प्रचार का साधन मानते हैं। यह दर्शाता है कि सच्ची भक्ति और सेवा न तो दिखावे की मोहताज होती है और न ही प्रचार की। जब भाव शुद्ध हो, तो सेवा अपने आप बोलती है – बिना बोले, बिना दिखे।
शांत सेवा का उदाहरण बना रुड़की का यह कांवड़ शिविर
