Kedarnath: फंसे यात्रियों को निकालने के लिए दिन-रात जुटी Army-NDRF-SDRF, 1166 कर्मवीरों ने बचाई 12 हजार जान

रिपोर्ट रुड़की हब

Kedarnath Dham 31 जुलाई की रात रुद्रप्रयाग में गौरीकुंड भीमबली और लिनचोली के मध्य अतिवृष्टि के कारण केदारनाथ पैदल मार्ग कई स्थानों पर ध्वस्त हो गया था। वर्ष 2013 की आपदा के 11 वर्ष बाद केदारघाटी में फिर से प्रकृति का तांडव देखने को मिला। दोनों आपदाओं में परिस्थितियां लगभग समान थीं।1166 कर्मवीरों की मेहनत रंग लाई और 12 हजार तीर्थ यात्रियों को सकुशल निकाल लिया गया।

 केदारघाटी में फंसे तीर्थ यात्रियों की कुशलता के लिए एक तरफ उनके स्वजन और रिश्तेदार दुआ कर रहे थे तो दूसरी तरफ सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ व पुलिस के जवान दिन-रात और भूख-प्यास का अंतर भुलाकर पूरे मनोयोग से उनको सकुशल निकालने में जुटे थे।

मंगलवार को आखिरकार इन कर्मवीरों की मेहनत रंग लाई और 12 हजार तीर्थ यात्रियों को सकुशल निकाल लिया गया। युद्धस्तर पर चले इस अभियान में 1,166 जवान और अधिकारियों ने योगदान दिया। बचाव अभियान में मौसम समेत तमाम चुनीतियां पेश आई, लेकिन न तो बचाव दल के कदम रुके, न तीर्थ यात्रियों का फैसला ही हिगा।

जब अभियान पूरा हुआ तो सभी के चेहरे पर विजय का भाव स्पष्ट देखा जा सकता था। प्राण रक्षा के इस महायज्ञ में जिला प्रशासन भी आहुति डालने में पीछे नहीं रहा।

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