निजी अस्पतालों पर उत्तराखंड सरकार ने कसा शिकंजा, मरीज बेहाल, पढ़िए क्या है पूरा मामला

Nitin Kumar


राजधानी देहरादून के सात दर्जन से अधिक निजी अस्पतालों और क्लीनिकों पर राज्य सरकार ने दोतरफा शिकंजा कस दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने जहां अस्पतालों को क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में पंजीकरण कराने का नोटिस जारी किया है। वहीं, एमडीडीए ने वन टाइम सेटलमेंट स्कीम के तहत कंपाउंडिंग कराने के निर्देश दिए हैं। दोनों विभागों ने ऐसा न करने पर अस्पताल-क्लीनिक को सील करने की चेतावनी दी है।
क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में संशोधन और वन टाइम सेटलमेंट स्कीम में छूट देते हुए शामिल करने की मांग को लेकर आईएमए सदस्यों ने बृहस्पतिवार को भी तालाबंदी जारी रखी। आईएमए दून शाखा अध्यक्ष डा. संजय गोयल के नेतृत्व में सदस्यों ने सुबह बैठक की और तालाबंदी जारी रखने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि अस्पताल संचालकों के पास अब कोई विकल्प नहीं रह गया है। अगर सरकार उनके अस्पतालों को नियमों में शिथिलता बरतते हुए कंपाउंड नहीं करेगी तो उनके क्लीनिक वैसे ही बंद हो जाएंगे।

मरीजों की दिक्कत जारी

निजी अस्पतालों में तालाबंदी होने के कारण मरीजों की दिक्कत बनी हुई है। शहर के ज्यादातर छोटे-बड़े अस्पताल इस तालाबंदी में शामिल हैं। इसके कारण मरीजों को सरकारी या अन्य निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है। आईएमए की ओर से पिछले कुछ दिनों से दून अस्पताल के बाहर मुफ्त ओपीडी लगाकर मरीजों की जांच की जा रही थी। बृहस्पतिवार को यह ओपीडी भी बंद रही। आईएमए दून शाखा अध्यक्ष डा. संजय गोयल ने बताया कि आईएमए हॉल में मुफ्त ओपीडी लगाई जा रही है।

हमने बुधवार को 66 और बृहस्पतिवार को 15 अस्पताल व क्लीनिक को नोटिस जारी किए हैं। उन सभी को क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत पंजीकरण कराने को कहा गया है। जो एक्ट के तहत पंजीकरण नहीं कराएंगे, उन्हें सील करने की कार्रवाई की जाएगी।
– डा. एसके गुप्ता, सीएमओ, देहरादून

वन टाइम सेटलमेंट स्कीम के तहत आवासीय क्षेत्रों में चल रहे अस्पताल- क्लीनिक के लिए कंपाउंडिंग की व्यवस्था है। हमने 49 अस्पताल- क्लीनिक में नोटिस चस्पा कर मानकों के अनुसार कंपाउंडिंग करने को कहा है। कंपाउंडिंग न करने और मानकों का पालन न करने वालों को सील किया जाएगा।
– पीसी दुम्का, सचिव, एमडीडीए

एमडीडीए और स्वास्थ्य विभाग ने हमें नोटिस जारी किए हैं। 450 वर्ग मीटर भूमि का मानक पूरी तरह गलत है। जो अस्पताल वर्षों पहले से चल रहे हैं, वह नए मानकों पर फिट कैसे बैठेंगे। सरकार हमारे भवनों को रेगुलराइज करे तभी हम अस्पतालों का संचालन कर पाएंगे।
– डा. संजय गोयल, अध्यक्ष, आईएमए दून

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