नितिन कुमार रुड़की हब
लक्सर: रायसी। 1893 में शिकागो धर्म सम्मेलन में अपने विचारों का परचम लहराने वाले स्वामी विवेकानंद के विचार आज भी युवा पीढ़ी के बीच उतने ही प्रासंगिक प्रतीत हो रहे हैं। राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर उत्तराखण्ड सरकार की पहल पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में शामिल युवा स्वामी विवेकानंद के विचारों की प्रासंगिता को अपने नजरिए से परिभाषित करने का प्रयास करते नजर आए। युवाओं की इस जिज्ञासा को उत्तराखण्ड सरकार ने प्रतियोगिता के मैदान में उतार कर राज्य के युवाओं में नया जोश भर दिया है।
हर्ष विद्या मंदिर पीजी कॉलेज रायसी में मंगलवार को ‘स्वामी विवेकानंद जी के विचारों की उत्तराखण्ड राज्य के परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिकता’ विषय पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई। राज्य स्तरीय इस प्रतियोगिता में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने बड़े उत्साह के साथ प्रतिभाग किया। राज्य सरकार की ओर से आयोजित इस प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को पुरस्कार दिया जाना है।
इसमें प्रथम स्थान प्राप्तकर्ता को 100000, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले को 75,000 तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी को 50,000 की नकद धनराशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की जाएगी। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ राजेश पालीवाल ने कहा कि महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने उत्साह के साथ निबंध प्रतियोगिता में भाग लिया और साथी स्वामी विवेकानंद के सिद्धांतों और विचारों पर चलने का भी प्रण लिया डॉ पालीवाल ने कहा कि 23 जनवरी युवा पखवाड़ा मनाया जाएगा जिसमें नशा मुक्ति पर्यावरण पलायन और अन्य ज्वलंत समस्याओं पर चर्चा की जाएगी साथ ही ब्लड डोनेशन कैंप भी लगाया जाएगा प्रबंध समिति के अध्यक्ष डॉक्टर के पी सिंह ने कहा कि हमें स्वामी विवेकानंद जी से यह सीख लेनी चाहिए की विकट संकट में भी हम संघर्ष के रास्ते में चलकर नई राह खोज सकते हैं महाविद्यालय के सचिव श्री हर्ष कुमार दौलत ने कहा इस स्वामी विवेकानंद उत्तराखंड से गहरा लगाव था और उन्होंने अपना आध्यात्मिक जीवन यहीं से प्राप्त किया इस अवसर पर डॉ अजीत राव, डॉ पूनम चौधरी ललित सैनी राहुल के साथ-साथ महाविद्यालय परिवार के समस्त कर्मचारी गण निबंध प्रतियोगिता को सफल बनाने में लगे