रुड़की(संदीप तोमर)। तस्वीर के दो पहलू देखिए और फिर कुदरत के इंसाफ को समझिए।
1.धरती पर आग की तरह पड़ती गर्मी और देश के अन्य स्थानों के साथ ही रुड़की शहर में भी 50 डिग्री की ओर बढ़ जाने को आतुर पारा। ऐसे में हजारों लोगों को चिलचिलाती गर्मी से राहत देने वाला रामनगर चौक स्थित बस स्टॉप पर वर्षों से बना यात्री शेड लगातार लोगों की बारिश के साथ ही गर्मियों में तेज धूप से रोकथाम का एक अच्छा साधन बना हुआ था। एक सुबह पता चलता है कि इस यात्री बस स्टॉप की छत से शेड रातों रात उतार ली गई है। लोग इसलिए तो परेशान थे ही कि यह काम किसने और क्यों करवाया,किन्तु इसलिए कहीं अधिक परेशान थे कि धूप,शेड के बिना उनकी परेशानी बढाने लगी थी। मामला सोशल मीडिया पर छाने लगा,सवाल जवाब व सवाल उठाने वालों को कथित धमकियों के बीच शेड हटवाने को लेकर कहीं न कहीं स्थानीय भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा का नाम चर्चा में आने लगा।
2. इसी बीच विदेश घूमने गए रुड़की के भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा के निकटस्थ होना जाहिर करते हुए खुद को सामान्य व्यक्ति बताने वाले पर्दा व्यापारी गगन आहूजा ने अपनी फेसबुक पोस्ट के जरिये विधायक प्रदीप बत्रा से विदेश में व्हाट्सअप पर इस मसले को लेकर हुई बातचीत का ब्यौरा सार्वजनिक किया तो इस बात की पुष्टि हो गयी कि शेड को प्रदीप बत्रा ने ही हटवाया है।गगन आहूजा ने विधायक के हवाले से दावा किया था कि
इस बस स्टॉप को यहां से दूसरी ओर लेफ्ट साइड में बनवाया जायेगा, यहां लगा बिजली का ट्रांसफार्मर यादवपुरी पार्क में शिफ्ट होगा तथा यहां से अतिक्रमण हटवाया जायेगा। इस सूचना के अगले रोज गगन आहुजा ने अपने एक संगठन के लोगों के साथ मिलकर बस स्टॉप के उपर तिरपाल बंधवा दी थी।
तस्वीर के इन दो रुखों को जान लेने के बाद अब यह भी जान लेते हैं कि गगन आहूजा के खुलासे के बाद विधायक की मंशा को लेकर उठे सवाल आज भी कायम है। दरअसल इससे पूर्व में विधायक का अपने विभिन्न हितों के लिए पालिका चैयरमैन रहते पुलिस चौकी और शहीद चंद्रशेखर चौक रातों रात अपने स्थान से हटवाने का इतिहास रहा है। ऐसे में रामनगर यात्री बस स्टॉप की छत से शेड हटवाने को लेकर भी एक व्यक्ति को लाभ पहुंचाने की योजना से काम करने के आरोप विधायक पर लग रहे हैं। इन आरोपों में कितनी सच्चाई है इसका सही जवाब तो विधायक बत्रा ही दे सकते हैं किंतु गगन आहूजा ने विधायक के हवाले से शेड को लेकर पूरी विकास योजना का जो खुलासा किया था,उसमें अतिक्रमण की बाबत समाजसेवी होने को लेकर गगन आहूजा के भी सामने सवाल खड़ा हुआ था कि वह विधायक बत्रा द्वारा पूरी तरह अवैध रूप से अपने जादूगर रोड स्थित घर के सामने सड़क किनारे अतिक्रमण के रूप में कब्जा कर खुद के प्रयोग के लिए आवाज रहित बड़ा जेनरेटर रखने को लेकर आवाज क्यों नही उठाते?क्यों नही वह इसी जेनरेटर के ठीक बगल में कारों की छांव के लिए अतिक्रमण कर बनाये गए शेड को हटवाने की मांग करते?वैसे गगन आहूजा से ज्यादा यह सवाल अतिक्रमण के नाम पर गरीबो को उजाड़ देने वाले स्थानीय प्रशासन और क्लीन सिटी की बात करने वाले प्रदीप बत्रा के सामने खुद ज्यादा खड़ा था। जहां तक आम जन कि बात है तो वह भी बत्रा के इस खुल्लम खुल्ला कब्जे को देखकर मुहं से कुछ न कहे पर दिल में सवाल जरूर करता था और जबसे गगन आहूजा के जरिये रामनगर यात्री शेड बत्रा द्वारा हटवाए जाने की बात उजागर हुई थी तो तबसे बत्रा को मन ही मन लोग खूब सुना रहे थे। यहां तक कि गगन आहूजा द्वारा बंधवाई तिरपाल के नीचे बैठकर भी लोगों की आहें निकल रही थी।
इन आहों को भले गगन आहूजा,स्थानीय प्रशासन, सामाजिक-राजनीतिक लोग न सुन सके हो,किन्तु शायद कुदरत ने सुन लिया। दरअसल विधायक प्रदीप बत्रा के अवैध रूप से रखे गए जेनरेटर की शेड और कारों की शेड पर बीती रात्रि आयी तेज आंधी में यहां खड़े पेड़ के बड़े बड़े टहने जा गिरे। इससे दोनों शेड पूरी तरह ध्वस्त हो गए। अब लोग कह रहे हैं कि ऊपर वाले ने बिना शोर करने वाली अपनी लाठी की आवाज इस आंधी के रूप में सुनाने का संदेश दिया है,जिसे विधायक प्रदीप बत्रा को समझ जाना चाहिए। हालांकि शायद प्रदीप बत्रा फिर से इन शेडो को बनवा लें,किन्तु लोग चर्चा कर रहे हैं कि आंधी तूफान में जिस तरह गंगनहर पर पुल गिरने की घटना को पूर्व विधायक सुरेश चंद जैन का राजनीतिक पुल गिर जाना कहा गया था,उसी तरह यह भी राजनीतिक रूप से कोई अच्छा सन्देश नही है।
गगन आहूजा की पोस्ट से एक फजीहत यह भी…
रामनगर बस स्टॉप यात्री शेड की बाबत गगन आहूजा ने विधायक प्रदीप बत्रा के हवाले से जो फेसबुक पोस्ट की थी,उसने विधायक की एक अलग ही फजीहत भी करा रखी है। दरअसल इस पोस्ट में दावा किया गया था कि यात्री शेड को वर्तमान जगह से राम द्वार की लेफ्ट साइड बनवाया जाएगा। इससे इस क्षेत्र में वर्षों से दुकान करने वाले विधायक बत्रा के सजातीय पंजाबी समाज के लोग गुस्से में हैं और उनका कहना है कि वह अपनी दुकानों के सामने कुछ भी नही बनने देंगे। ऐसे में बड़ा सवाल है कि यदि वास्तव में बत्रा ने किसी एक व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने की बजाय वास्तव में इस क्षेत्र के सौन्दर्यकरण हेतु यात्री स्टॉप की छत से शेड को नही हटवाया है तो वह इसे यहां से हटवाकर कहां बनवाएंगे?