जनसेवा करने में कितनी देर लगती है? कुछ भी नही! सूर्यकांत त्यागी ने ठाना और सहयोगी संग जुट गये मानवसेवा के काम में….

रुड़की(संदीप तोमर)। नेक नीयत-मंजिल आसान,यह कहावत यूं तो अपने आप में सदैव सार्थक है लेकिन यदि इस कहावत की भावना के अनुसार जनसेवा करने की सोची जाये तो काम शुरू करने में कितना समय लगता है? यह अलग अलग व्यक्ति पर अलग अलग तरीके से लागू हो सकता है,जहां तक गीतांजलि विहार रुड़की में निवास करने वाले युवा सूर्यकांत त्यागी की बात है तो उन्होंने जब जनसेवा की सोची तो शुरू करने में देर न लगाई और अपने सहयोगी युवा रजत गुप्ता संग उतर गए मैदान में। दोनों की इस जोड़ी को खुद को समाजसेवी बताये जाने से एतराज होता है लेकिन उनकी मानव हित की सेवा दूसरों के मुख से उनके लिए यही निकलवा रही है।

सूर्यकांत त्यागी ने लॉक डाउन में सेनेटाइजर व मास्क आदि का व्यापार शुरू तो किया,लेकिन अब जब लॉक डाउन खुलने पर कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने लगे तो त्यागी को व्यापार से ज्यादा समाज की चिंता हुई। उन्होंने तय किया कि व्यापार सिर्फ घर परिवार की जरूरत पूरी करने तक सीमित रहेगा,बाकि वह मानवसेवा में देंगे। त्यागी के इस निर्णय के साथ उनके सहयोगी रजत गुप्ता भी खड़े हुए और दोनों ने शुरू कर दिया जरूरतमंदों के साथ ही पुलिस के जवानों को सेनेटाइजर व मास्क आदि के वितरण का काम। इनके काम पर रुड़की हब जल्द विस्तृत वीडियो रिपोर्ट देगा,लेकिन अभी तक सैकड़ो जरूरतमंदों व पुलिस कर्मियों को कोरोना से बचाव की सामग्री वितरण कर चुके सूर्यकांत त्यागी ने बताया कि उन्हें इस दौर में यह सेवा कर दिली सकूँन मिल रहा है,क्योंकि इस समय यह सेवा कोई नही कर रहा है। जबकि सच यह है कि कोरोना तो अब शुरू हुआ है और अभी उसके इंतजाम के लिए ऐसी सेवा जरूरी है। उनकी इस बात में दम भी है क्योंकि जब पूर्ण लॉक डाउन था तो ज्यादातर लोग ऐसी सामग्री वितरण कर फोटो लेने में व्यस्त थे,पर अब असली जरूरत के समय त्यागी जैसे बहुत कम लोग इस बाबत सक्रिय हैं। खैर उनके सहयोगी रजत गुप्ता के शब्दों में सूर्यकांत त्यागी के कार्य में सहयोग करते हुए उन्हें दिली आनन्द आ रहा है।

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