छात्रवृत्ति घोटाले में विधायक का भाई सहित तीन गिरफ्तार

छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआइटी की टीम ने मंगलवार को मंगलौर विधायक काजी निजामुद्दीन के भाई सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। संस्थान ने वर्ष 2012 से 2015 के बीच छात्रवृत्ति का फर्जीवाड़ा कर लगभग 2.54 करोड़ रुपये हजम कर लिए। एसआइटी की पड़ताल में सामने आया है कि मंगलौर में यह संस्था सिर्फ कागजों में चल रहा था। संस्थान के अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष को गिरफ्तार कर लिया गया। इससे पहले चार कॉलेजों को दो लोगों को एसआइटी गिरफ्तार कर चुकी है।
एसआइटी की पड़ताल में छात्रवृत्ति घोटाले से जुड़े नए-नए खुलासे हो रहे हैं। समाज कल्याण विभाग से छात्रवृत्ति की पत्रावलियां जुटाते हुए एसआइटी ने मंगलौर के टेकवर्ड वली ग्रामोद्योग विकास संस्थान ग्रुप आफ इंस्टीटयूशंस की कुंडली खंगाली। जांच में पता चला कि वर्ष 2012-13 से 2014-15 के बीच समाज कल्याण विभाग ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति के तौर पर करीब 2.54 करोड़ रुपये संस्थान व छात्र छात्राओं के बैंक खातों में भेजे हैं। एसआइटी ने छात्र-छात्राओं व संस्थाओं के बारे में जानकारी जुटाते हुए यह पाया कि संस्थान वर्ष 2015 से बंद पड़ा है। इससे पहले भी शैक्षिक गतिविधियां शून्य रही हैं। संस्थान महज कागजों मं संचालित कर छात्रवृत्ति की बंदरबांट की गई है। एसआइटी ने संस्थान के अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल पुत्र लालचंद निवासी जीटी रोड मंगलौर, सचिव संजय बंसल पुत्र एचपी बंसल निवासी 32 ईसी रोड, देहरादून व कोषाध्यक्ष काजी नूरउददीन पुत्र काजी मोहियूद्दीन निवासी किला मंगलौर जिला हरिद्वार को पूछताछ के लिए एसआइटी कार्यालय रोशनाबाद बुलवाया।

एसआइटी के प्रमुख मंजूनाथ टीसी के मुताबिक पूछताछ करने पर तीनों लोग छात्रवृत्ति की रकम के बारे में कोई भी ठोस तथ्य पेश नहीं कर सके और उन्होंने जांच में सामने आई वास्तविकता को स्वीकार भी किया। एसआइटी ने तीनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया। संस्थान से जुड़े अन्य लोगों की भूमिका की जांच भी की जा रही है।
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विधायक पर भी लटकी तलवार!

हरिद्वार: छात्रवृत्ति घोटाले में मंगलौर विधायक काजी निजामुद्दीन पर भी कार्रवाई की तलवार लटक गई है। दरअसल घोटाला करने वाली संस्था में विधायक निजामुद्दीन भी ट्रस्टी हैं। एसआइटी के मुताबिक संस्था में विधायक को उपाध्यक्ष का पद दिया गया है। जबकि गिरफ्तार हुआ विधायक का भाई नूरउद्दीन कोषाध्यक्ष है। एसआइटी ने फिलहाल संस्थान के अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष को गिरफ्तार किया है। लेकिन कागजों में चल रहे संस्थान के सभी पदाधिकारी जांच की जद में हैं। सूत्र बताते हैं कि एसआइटी मंगलौर विधायक की भूमिका की पड़ताल भी कर रही है। वहीं एसआइटी के अध्यक्ष मंजूनाथ टीसी का कहना है कि जांच में जिन लोगों के खिलाफ भी सुबूत पाए गए हैं, उन्हें गिरफ्तार किया गया है। आगे भी उन्हीं लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा, जिनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होंगे। चाहें उसमें कोई भी व्यक्ति हो।

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