आर्टिकल 15 फिल्म को नहीं चलने दिया जाएगा, सरकार अगर इसको बैन नहीं करती है तो होगा आंदोलन :एडवोकेट आशीष पंडित

नितिन कुमार रुड़की हब


निर्माता निर्देशक अनुभव सिन्हा और अभिनेता आयुष्मान खुराना की फिल्म आर्टिकल 15  आज रिलीज हुई है  जिसमें दुष्कर्म और हत्या से प्रेरित 27 मई 2014 उत्तर प्रदेश के बदायूं कटरा सहादतगंज गांव में दो लड़कियों के साथ यह घटना घटित हुई थी यह फिल्म धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली है जिसका हम विरोध करते हैं फिल्म में सामाजिक समरसता को भंग करने वाली आर्टिकल 15 की कहानी को आरोपी पुरुषों को ब्राह्मणों के रूप में चित्रित है करने के इरादे से तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है जिसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे आर्टिकल 15 फिल्म की कहानी जिसमें गांव की दो युवा लड़कियों को बेरहमी से दुष्कर्म और हत्या करते हुए दिखाया गया है उनके सब एक पेड़ से लटके हुए हैं तथा लड़कियों के परिवार जो हाशिए पर हैं और उन्हें मजदूरो के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया जाता है क्योंकि उन्होंने अपने दैनिक वेतन में ₹3 की बढ़ोतरी की मांग की थी आर्टिकल 15 के ट्रेलर में यह भी उल्लेख किया गया कि अपराध एक महंत जी के लड़के द्वारा किया गया महेंद्र जी को एक समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति के रूप में दर्शाएं और इससे ब्राह्मण समाज नाराज हो गया फिल्म में आयुष्मान खुराना की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी की भूमिका में है एक ब्राह्मण है पुलिस विभाग पर आरोप लगाया गया था कि वह मामले में आरोपित के प्रति समाजवादी पार्टी के राजनीतिक दबाव के कारण नहीं दिखा रही है फिल्म में दुष्कर्म और हत्या करने वाले यादव थे जब भी लड़कियां शाक्य परिवार से थी बलात्कारी कोई भी हो सकता है उसका मतलब यह नहीं कि आप धर्म विशेष को लेकर समाज को बांटने का काम कर रहे हैं तथा इससे धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं इनके पीछे कौन है जो इस प्रकार के हथकंडे अपनाकर धन कमाने की सोच रहे हैं मंसूबे कामयाब नहीं होंगे मां की नाम स्थान घटना आदि काल्पनिक होते हैं लेकिन यह तो सच्ची घटना पर आधारित है निर्माता-निर्देशक ऐसी फिल्मों को दिखाकर समाज में जातिवाद का जहर घोलने का काम कर रहे हैं जिन्हें हम कामयाब नहीं होने देंगे और देखने में आया है कि देश में कहीं भी कोई अप्रिय घटना घटित होती है तो उस घटना को ब्राह्मणों से से जोड़ दिया जाता है जिससे जिस से ब्राह्मण समाज की छवि धूमिल हो रही है आज देश में सभी जातिवाद समाप्त करना चाहते हैं जिससे आपसी भाईचारा बना रहे लेकिन कुछ इस प्रकार के लोग फिल्मों में जातिवाद को दिखा कर आपस में लड़ाना चाहते हैं भाइयों हमारा आपसे निवेदन है कि यदि फिल्मों को का सभी भाई 22 कार करें जिसमें धार्मिक उन्माद फैला कर देश को तोड़ने का काम किया जा रहा है क्योंकि इनको धन कमाने से मतलब है बाहरी एजेंसियों धन देकर इस प्रकार की फिल्मों के जरिए देश में अनावश्यक जातीय विद्वेष फैलाने का खतरा उत्पन्न करने का कार्य कर रही है

हमारा सरकार से आग्रह है कि आर्टिकल 15 पर पूर्णत रोक लगाई जाए और निर्माता-निर्देशक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही करने की कृपा करें ज्ञापन देने वालों में आशीष पंडित एडवोकेट उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष अंतर्राष्ट्रीय हिंदू सेना अंशुल शर्मा एडवोकेट प्रदेश उपाध्यक्ष जगमोहन शर्मा विकास शर्मा अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के जिला अध्यक्ष भाई विकास शर्मा पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद प्रतिनिधि धर्मवीर शर्मा जी परशुराम सेना के नगर अध्यक्ष पंकज पंडित राष्ट्रीय सचिव मानव अधिकार एवं न्याय सुरक्षा प्रहरी भाई रविंद्र कुमार भार्गव अंकुर शर्मा अनिल शर्मा नवीन शर्मा रवी कौशिक एडवोकेट नवीन शर्मा एडवोकेट प्रदीप त्यागी जी रेलवे बोर्ड सलाहकार समिति के सदस्य आदि लोग मौजूद थे

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