तो क्या भूमाफिया के पेट में समाने वाली है रुड़की नगर निगम की 26 बीघा जमीन? यहां होगी मेयर गौरव गोयल समेत कई जनप्रतिनिधियों की अग्नि परीक्षा,जानिए पूरे मामले को…

रुड़की(संदीप तोमर)। शहर के पूर्व मेयर यशपाल राणा पर एक दाग लगा कि उन्होंने नगर निगम की एक सम्पत्ति को अवैध तरीके से बेच डाला। यशपाल राणा ने तार्किक रूप से इसका जवाब दिया और मामला कोर्ट में जारी है। लेकिन इस पूरे प्रकरण के उभरने से लेकर नगर निगम का चुनाव हो जाने तक यह हुआ कि यशपाल राणा के खुद चुनाव लड़ने पर रोक लगी तो बाद में एक नियम के तहत उनकी पत्नी श्रेष्ठा राणा का नामांकन भी निरस्त हो गया। यशपाल राणा ने अपने छोटे भाई रिशू राणा को चुनाव लड़ाया और प्राप्त किये 26 हजार के लगभग वोटों से अपने वजूद को साबित कर दिया,पर न्यायिक रूप से इस बात के जवाब मिलने अभी बाकी हैं कि क्या वास्तव में यशपाल राणा ने निगम की कोई प्रोपर्टी बेची थी?

उपरोक्त प्रस्तावना के बीच यह सूचना अहम है कि नगर निगम की एक सम्पत्ति जो जमीन के रूप में लगभग 26 बीघा है और जिसकी कीमत 80 करोड़ रुपये के लगभग हैं को भूमाफिया निगलने के चक्कर में है। दिलचस्प यह है कि भूमाफिया ने इस तरफ कवायद भी शुरू कर दी है,लेकिन आरोप लगाने वालों का कहना है कि नगर निगम प्रशासन और मेयर गौरव गोयल इस ओर से आंख मूंद बैठे हैं। जबकि इस मसले को लेकर निजी तौर पर खुद मेयर गौरव गोयल की अग्नि परीक्षा होनी है।

(वरिष्ठ अधिवक्ता एवं समाजसेवी चौ.दीप सिंह का भेजा गया सन्देश)
दरअसल यह मामला दिल्ली रोड पर मौजूद नगर निगम की 26 बीघा भूमि का है,जिसकी अनुमानित कीमत 80 करोड़ रुपये आंकी जाती है। यूं इस भूमि को लेकर पहले से माननीय कोर्ट में मामले भी चल रहे हैं,लेकिन ताजा सूचना के मुताबिक भूमाफिया ने इस जमीन को कब्जे करने की पूरी कसरत कर ली है। इसमें नगर निगम की उदासीनता उसके बहुत काम आ रही है। जबकि इस जमीन और नगर हित में वरिष्ठ अधिवक्ता एवं समाजसेवी चौ.दीप सिंह की सक्रियता भी अहम है कि उन्होंने नगर के अनेक जिम्मेदार लोगों को निजी तौर पर सन्देश भेजकर इस जमीन पर भूमाफिया की ताजा सक्रियता और खुद के सजग होने के बारे में अवगत कराया है,ऐसे में हर शहर वासी की जिम्मेदारी तो यह है कि वह इस जमीन को भूमाफिया के पेट में समाने से बचाये,ताकि कल यहां जनहित में कोई स्टेडियम,बारातघर,अस्पताल या स्कूल बन सके। बाकि बड़ी जिम्मेदारी मौजूदा मेयर गौरव गोयल की है और उनसे भी कहीं ज्यादा विधायक प्रदीप बत्रा की,जिन्होंने पालिका चैयरमैन रहते इस जमीन की भूमाफिया से रक्षा की। इसके अलावा पूर्व पालिका चैयरमैन दिनेश कौशिक,पूर्व मेयर यशपाल राणा की भी बहुत जिम्मेदारी बनती है और पूर्व विधायक सुरेश चंद जैन तो कथित रूप से इस जमीन की रक्षा में लगे ही हैं। खैर यहां खबर में वरिष्ठ अधिवक्ता एवं समाजसेवी चौ.दीप सिंह जी के उस सन्देश को,जिसे उन्होंने शहर भर में अनेक लोगों को भेजा है,उसका स्क्रीन शॉट प्रकाशित किया जा रहा है।

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