रुड़की में बहुसंख्यक वर्ग भी उठाए गांधी महिला शिल्प विद्यालय का लाभ


रुड़की(संदीप तोमर)। श्री गांधी महिला शिल्प कन्या इंटर कालेज विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष डीके अग्रवाल ने कहा है कि रुड़की व आसपास के क्षेत्र में गरीब बालिकाओं की शिक्षा के बारे में उनकी संस्था अहम भूमिका निभा रही है।

आज विद्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में श्री अग्रवाल ने कहा कि यह संस्था 1948 में बनी थी। तब यहां हथकरघे लगे थे। तब लगी खड्डी इतनी प्रसिद्ध हुई कि बाद में इस विधालय का नाम खड्डी के नाम से भी मशहूर हो गया। यहां के सिलाई कढ़ाई प्रशिक्षण को मान्यता मिली हुई है। यह प्रदेश में पहला विधालय है जिसे नर्सरी मान्यता है। प्रधानाचार्य डा.कल्पना सैनी ने बताया कि यहां पढ़ाई का माध्यम हिंदी होने के बावजूद अंग्रेजी भी पढ़ाई जाती है। हालांकि अभी अंग्रेजी मान्यता के प्रयास भी चल रहे हैं। विधालय की एक पूर्व छात्रा हाल ही में तहसीलदार बनी है। कई अन्य छात्राओं ने भी अच्छे मुकाम प्राप्त किये है। विधालय में स्मार्ट क्लास से लेकर तकनीकी शिक्षा पर भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है। सफाई निरीक्षण में दूसरा साथ मिलाहै। बहुसंख्यक वर्ग की छात्राओं को को भी विधालय का लाभ उठाना चाहिए। इस अवसर पर कोषाध्यक्ष राजेश कंसल,प्रबंधिका रीना गुप्ता,उपाध्यक्ष वाई एन गोयल व शिक्षिका निशि गुप्ता आदि मौजूद थे। स्मार्ट क्लास इसी सत्र से शुरू हो रही हैं।
इस अवसर पर स्मार्ट क्लास संचालन के प्रदर्शन के साथ ही विभिन्न विषयों से जुड़ी अध्यापिकाओं ने विषयवार जानकारी दी।

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