रुड़की निगम चुनाव: विधायक प्रदीप बत्रा,किसके लिए खास-किसके लिए खतरा?

संदीप तोमर
रुड़की निगम चुनाव: विधायक प्रदीप बत्रा,किसके लिए खास-किसके लिए खतरा?

संदीप तोमर
रुड़की। निगम चुनाव को लेकर हाईकोर्ट में चल रही विभिन्न क्षेत्रों के बाहर-भीतर रहने की सुनवाई के बीच जिन 40 वार्डों के परिसीमन पर निगम का ओबीसी सर्वे चल रहा है उनमें अनेक वार्ड ऐसे हैं जिनमें आरक्षण की स्थिति साफ हुए बगैर ही पार्टी टिकटों को लेकर रस्साकसी बहुत तेज हो चली है। विशेष रूप से भाजपा टिकट को लेकर। इन वार्डों में अपने चहेतों को टिकट दिलाने के लिए आला नेता भी कमर कसे हुए हैं लेकिन कुछ नेता ऐसे भी हैं जिनके लिए इन वार्डों में अपने किसी एक समर्थक के लिए हां या ना करना किसी अग्निपरीक्षा से कम नही होगा। ऐसे बड़े नेताओं में एक नाम है रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा का। उनके अनेक समर्थकों के लिए विभिन्न वार्डों में यह चुनाव साफ करेगा कि प्रदीप बत्रा, किसके लिए खास साबित होंगे?और किसके लिए बनेंगे खतरा? उनकी टिकटों के लिए की गई अनुशंसाएं उनके आगामी राजनीतिक जीवन में समर्थकों की उनसे नजदीकी और दूरी को भी तय करेगी।
यह सच है कि टिकट कोई अकेले प्रदीप बत्रा तय नही करेंगे और भाजपा में एक सिस्टम के तहत टिकट दिए जाते हैं। किंतु यह भी है कि संगठन पदाधिकारियों के साथ ही विधायको की रायशुमारी अहम स्थान रखती है। ऐसे में कोई दो राय नही कि नगर विधायक प्रदीप बत्रा की राय यानि अनुशंसा का विशेष महत्व होगा। किन्तु कई वार्डों में किसी एक के लिए हां करना विधायक प्रदीप बत्रा के लिए किसी अग्नि परीक्षा से कम नही होगा।
ऐसे वार्डों में सबसे महत्वपूर्ण है प्रदीप बत्रा के सजातीय पंजाबी बाहुल्य वाला मूल रामनगर वार्ड। यहां भाजपा टिकट के प्रमुख दावेदारों की बात करें तो पूर्व पार्षद पंकज सतीजा,भरत कपूर एवं हनीस अरोड़ा तीनों ही पंजाबी बिरादरी के हैं और तीनों ही विधायक प्रदीप बत्रा के खासमखास। पंकज सतीजा पिछली बार निर्दलीय विजयी हुए थे,लेकिन विधायक प्रदीप बत्रा से जुड़कर वह भाजपा से जुड़ गए। तो भरत कपूर ने तो कांग्रेस को अलविदा ही प्रदीप बत्रा के साथ किया था। हनीस अरोड़ा का भी बत्रा से राजनीतिक व सामाजिक लगाव कुछ कम नही है। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि प्रदीप बत्रा अपनी बिरादरी के गढ़ में किसे खुश करते हैं और किसकी नाराजगी मोल लेते हैं?
ठीक ऐसे ही हालात के कारण साकेत वार्ड की राजनीति भी गर्म है। यहां प्रदीप बत्रा की टीम के सतेंद्र राणा लालू और विधायक प्रतिनिधि तनुज राठी तो टिकट मांग ही रहे हैं,बत्रा के सजातीय और निकटस्थ पंकज नन्दा की भी यहां दावेदारी है। हालांकि नन्दा दूसरे वार्ड में रहते हैं,किन्तु उसके आरक्षित हो जाने की सम्भावनाओं के बीच वह यहां राजनीतिक जमीन तलाश रहे हैं। तीनों के बत्रा के प्रति समर्पण की बात करें तो तनुज राठी की विधायक से निकटता का ही परिणाम है कि उन्हें प्रतिनिधि बनाया गया है। पंकज नन्दा भी सामाजिक और राजनीतिक तौर पर प्रदीप बत्रा के ही गुलदस्ते का फूल हैं जबकि सतेंद्र राणा लालू, बत्रा के राजनीतिक जीवन शुरू करने के वर्ष 2008 से उनके साथ है। यही नही बत्रा के धुर विरोधी पूर्व मेयर यशपाल राणा के परिवार से ही आने वाले सतेंद्र राणा का पूरा परिवार बत्रा के समर्थन के कारण ही यशपाल राणा से बैर लिए हुए है। इस सबको देखते हुए यहां टिकट के लिए बत्रा की हां किसके लिए की गई?इस पर सबकी नजर रहेगी।
ऐसी ही स्थितियो का सामना विधायक को गणेशपुर वार्ड में करना होगा। क्योंकि यहां टिकट मांग रहे पूर्व पार्षद संजय तोमर गुड्डू की कांग्रेस से भाजपा में आमद ही विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदीप बत्रा ने करायी थी। जबकि टिकट के दूसरे दावेदार पुराने भाजपाई कुलदीप तोमर,सुशील शर्मा व सतीश यादव का पार्टी के साथ ही प्रदीप बत्रा के लिए समर्पण किसी से छुपा नही है। यहां भी प्रदीप बत्रा की हां काबिल ए गौर होगी।
पूर्वावली वार्ड में नितिन चौहान और प्रदीप बत्रा के सजातीय पंजाबी पंडित हरीश शर्मा दोनो भाजपा टिकट के मुख्य दावेदारों की विधानसभा चुनाव में बत्रा के लिए की गई दिन रात की मेहनत का सुखद परिणाम बत्रा की ओर से किसे मिलेगा?यह भी गौरतलब होगा।
शेरपुर वार्ड में पुराने भाजपाई और पूर्व प्रधानपति अनुज सैनी की भी दावेदारी हैं,किंतु विधायक प्रदीप बत्रा के निकट समर्थकों के रूप में दो अन्य दावेदारों विधायक प्रतिनिधि प्रमोद सैनी और साकेत वार्ड वाले तनुज राठी के निकट मित्र अमन सैनी को गिना जाता है।इन दोनों में बत्रा किसके खास साबित होंगे?यह भी उनके द्वारा की गई हां बताएगी। ठीक ऐसी ही स्थिति सोलानीपुरम क्षेत्र में पूर्व सभासद जेपी शर्मा व राहुल भट्ट को लेकर रहेगी। दोनो में कौन विधायक का दुलारा साबित होगा? यह आगामी वक्त बताएगा।

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