चांद आया नजर ,कल होगा पहला रोजा, रमजान से पहले जामा मस्जिद में अदा की नमाज

रुड़की।रमजान माह का चांद नजर आते ही मुस्लिम समुदाय के लोगों ने नगर के प्रमुख जामा मस्जिद सहित सभी मस्जिदों में नमाज़ तरावीह अदा की इसके साथ ही रमजान के पहले दिन नगर के बाजारों में बड़ी रौनक रही।मुस्लिमों ने रमजान की जरूरत के लिए सामान की जमकर खरीदारी की।पवित्र महीने रमजान उल मुबारक में हर मुसलमान अपना सब कुछ छोड़ कर खुदा को खुश करने के लिए उसकी इबादत में लग जाता है। रमजान के रोजे के साथ ही मुसलमान पांचों वक्त की नमाज के अलावा तरावीह की नमाज भी पाबंदी के साथ अदा करता है। नगर के मुफ्ती मोहम्मद सलीम ने रमजानुउल मुबारक की मुबारकबाद पेश करते हुए कहा कि रमजान के महीने को दस-दस दिन के तीन हिस्सों में बांटा जाता है।पहला हिस्सा रहमत का,दूसरा हिस्सा मगफिरत का और तीसरा हिस्सा दोजख से निजात का है। उन्होंने बताया कि रमजान में महिलाएं भी अपने घरों में खुदा की इबादत करती हैं तथा रोजा, नमाज अदा करती हैं।यूं तो रमजान का दिन अपनी विशेष महत्ता रखता है।इस पवित्र माह में सभी मुसलमान खुदा को खुश करने के लिए गरीबों को जकात, सदका,खैरात आदि अदा करते हैं,जिससे बहुत बड़ा अजर और सवाब मिलता है।इसी के साथ- साथ नमाज पढ़ने का भी एहतमाम बढ़ जाता है।सभी लोग एक साथ मिलकर मस्जिदों में नमाज अदा करते हैं और अमन चैन व सुकून की दुआ करते हैं। मौलाना मोहम्मद नसीम कासमी, मौलाना अजहर उल हक और मौलाना अरशद कासमी ने कहा कि रमजान माह में खुदा की रहमतें इस तरह से बरसती है, जैसे कि आसमान से बारिश हो रही हो।मुसलमानों का तो यहां तक मानना है कि इस महीने में जो भी खैर और अमन की दुआएं मांगी जाएगी वे सभी अल्लाह के यहां कबूल होती हैं,इसलिए इस पवित्र महीने में सभी मुसलमान पूरे उल्लास के साथ पाक-साफ दिल से मस्जिदों में जाकर नमाज अदा करते हैं और खुदा से मगफिरत की दुआ करते हैं। मदरसा दारुल दारूसलाम के मौलाना शमीम अहमद,मौलाना मुशर्रत अली ने कहा कि शाम के समय इफ्तार के लिए भी सभी मुसलमान एक साथ बैठकर रोजा इफ्तार करते हैं।इस दौरान उन पर जो खुदा की रहमत बरसती हैं वह पूरे साल नहीं।इस महीने में अधिक से अधिक अल्लाह को राजी करना चाहिए,यही पैगंबर इस्लाम का भी पैगाम है।हाजी नौशाद अहमद ने रमजान के दौरान निगम प्रशासन तथा प्रशासनिक अधिकारियों से अपील की कि वे नगर में पेयजल आपूर्ति विद्युत व्यवस्था एवं सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाए,जिससे कि रमजान माह में लोगों को परेशानी का सामना ना करना पड़े।

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