रंगमंच जैसे कार्यक्रमों से जहां बच्चों में नाट्य कला के प्रति रुचि बढ़ती है वहीं ऐसे कार्यक्रमों से भारत की प्राचीन कला के दर्शन भी होते हैं: प्रदीप बत्रा


रुड़की।नगर भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा ने कहा कि रंगमंच जैसे कार्यक्रमों से जहां बच्चों में नाट्य कला के प्रति रुचि बढ़ती है वहीं ऐसे कार्यक्रमों से भारत की प्राचीन कला के दर्शन भी होते हैं। उक्त् बातें नगर विधायक प्रदीप बत्रा ने आईआईटी रुड़की के भूकंप नियंत्रण संस्थान स्थित सभागार में आयोजित “नारी जीवन-एक किताब” के संबंध में रंगमंच कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कहीं।उन्होंने कहा कि नाट्य कला के रूप में ऐसे कार्यक्रमों से नई पीढ़ी के युवाओं में जहां रंगमंच के प्रति अपनी रुचि बढ़ती है,वहीं यह कार्यक्रम समाज को जहां भारतवर्ष के प्राचीन कला के दर्शन तो कराते ही हैं दूसरी ओर इससे समाज के लोगों में अच्छे संस्कार तथा सरल जीवन यापन करने का भावनात्मक दृष्टिकोण उत्पन्न होता है।कार्यक्रम के आयोजिका सरूनिका बंसल शर्मा ने संचालन करते हुए कहा कि नाट्य कला के माध्यम से उनका प्रयास है कि लोगों में भारतीयता की अलख जगे तथा आज की नई पीढ़ी को नाटकों के माध्यम से रोजगार के अवसर भी प्राप्त हो सके।उन्होंने कहा कि लगभग एक माह के प्रशिक्षण के पश्चात रंगमंच कलाकारों को अभिनय के लिए तैयार किया गया,जिसमें उनके द्वारा लिखित तीन कहानियां लाल चुनर,सूत की साड़ी व स्वाभिमान नाटकों का मंचन किया गया तथा मंजू भंडारी द्वारा लिखित कहानी ‘अकेली’ का मंचन भी हुआ।इस रंगमंच कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन नगर विधायक प्रदीप बत्रा,समाजसेवी मनीषा बत्रा झबरेड़ा चेयरमैन मानवेंद्र सिंह, तथा भाजपा नेता गौरव गोयल द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।रंगमंच की कहानी सूत की साड़ी की प्रस्तुति ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया।इस अवसर पर पंकज त्यागी,लक्ष्मी मित्तल, निधि गोयल,असीम बंसल,उदय सैनी,आंचल सिंघल,उदित त्यागी, उदय चौहान,प्रियंका सिंघल, अपूर्वा बंसल,प्रतिभा चौहान, नीरजा सिंह,रीना अग्रवाल, विकास चौधरी,मोहित वशिष्ठ आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

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