‘मेयर’ पद की राजनीति के आगे ‘जवान मौत’ पर भी ‘मर’ गयी ‘पंजाबी महासभा’ की संवेदनाएं?

संदीप तोमर


रुड़की। कहते हैं कि दलगत लिहाज से सफल राजनीति वह होती है जो भावनाओं और संवेदनाओं का लाभ उठाकर अपना निशाना साध ले। लेकिन किसी सामाजिक संगठन में राजनीति घुस जाए और इस राजनीति के आगे समाज के ही युवक की ‘मौत’ पर भी सामाजिक संगठन की ‘संवेदनाएं’ ‘मरी’ नजर आए तो समाज में चर्चा और सवाल उठने लाजमी हैं।
ऐसा ही कुछ हो रहा है उत्तरांचल पंजाबी महासभा की ओर से लोहड़ी के उपलक्ष में आगामी 5 जनवरी को बीएसएम इंटर कालेज में आयोजित किये जा रहे भव्य लोहड़ी मेला एवं रंगारंग कार्यक्रम को लेकर। ऐसा नही है कि संगठन को समाज के पर्व पर कोई कार्यक्रम करने का अधिकार नही है या फिर किसी अन्य तरह का कोई घालमेल इस कार्यक्रम को लेकर है। दरअसल पूरे आयोजन को आगामी निगम चुनाव में मेयर पद की राजनीति से जोड़कर तो खुद समाज के लोग देख ही रहे हैं,साथ ही हाल ही में हुई समाज के हर दिल अजीज युवा कारोबारी भूपेंद्र मलिक उर्फ डब्लू की जवान मौत की अनदेखी कर कार्यक्रम को इतने भव्य रूप से आयोजित करने को लेकर समाज के ही लोग आयोजकों की नैतिकता और संवेदनाओं पर सवाल खड़े कर रहे हैं। दिलचस्प यह कि विभिन्न दलों से जुड़े प्रमोद जौहर,अशोक चौहान,हंसराज सचदेवा,प्रदीप सचदेवा,भूषण कालरा,संजीव ग्रोवर व सुभाष सरीन जैसे समाज के अनेक बड़े व जिम्मेदार लोगों के नाम तो आयोजन से जुड़े हैं ही,कार्यक्रम की भव्यता को लेकर खुद विधायक प्रदीप बत्रा शोसल मीडिया पर वीडियो सन्देश के जरिये प्रचार कर रहे हैं। सवाल उठ रहा है कि केवल पंजाबी समाज ही नही सभी वर्गों में इतना मान सम्मान और नगर में बड़ा वजूद रखने वाले इन सभी लोगों या अन्य किसी आयोजक का ध्यान इस ओर नही गया कि समाज के बीच गहरी छाप रखने वाले अमर व मलिक डेरी प्रतिष्ठान के भूपेंद्र मलिक उर्फ डब्लू की आकस्मिक हुई मौत से छायें दुख के बादल अभी न तो उनके परिवार के ऊपर से हट पाए हैं और न ही उनके क्षेत्र रामनगर(पंजाबी बाहुल्य)के ऊपर से। ध्यान रहे कि स्व. डब्लू की सामाजिक स्थिति का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है विगत 4 दिसम्बर को उनकी रामनगर में हुई शोक सभा में 5 हजार से ज्यादा लोग जुटे थे और इनमें ज्यादातर स्थानीय थे। सवाल उठता है कि समाज के ऐसे प्रतिष्ठित व्यक्ति की जवान मौत से बेपरवाह हो यह कार्यक्रम क्यों किया जा रहा है? इसके जवाब में कार्यक्रम के पीछे मेयर पद के चुनाव की राजनीति चलने की बात बताई जाती है। खुद समाज के लोगों के बीच ऐसी चर्चाएं व्याप्त हैं। इसमें सबसे अहम कार्यक्रम स्थल बीएसएम इंटर कालेज के चयन को गिनाते हुए मेयर पद की राजनीति की बात कही जा रही है। इसमें कांग्रेसी राजनीति का हवाला देते हुए महासभा से जुड़े कुछ पंजाबी नेताओं के नाम गिनाए जा रहे हैं। हो सकता है कि इस तरह की राजनीति की बात गलत हो,किन्तु समाज के लोग स्व.डब्लू की मौत की बात करते हुए संगठन की संवेदनाएं मर जाने की बात करते हुए सवाल खड़े करते हैं और कहते हैं कि कम से कम स्व.डब्लू की मौत को देखते हुए कार्यक्रम सांकेतिक रूप से भी किया जा सकता था। समाज के अनेक लोगों का कहना है कि पूर्व के वर्षों में सब कुछ सामान्य रहते भी साधारण तरीके से कार्यक्रम किये जाते रहे,फिर इस वर्ष समाज में स्थानीय स्तर पर हाल ही में ऐसी जवान मौत के बाद भी इतना भव्य आयोजन करने की क्या जरूरत आन पड़ी? इसके जवाब में संगठन के कुछ सदस्यों का कहना है कि संगठन की पूरी संवेदनाएं स्व.डब्लू व उनके परिवार के प्रति हैं। कार्यक्रम को लेकर राजनीति की बात गलत है। यह कार्यक्रम पहले ही तय हो गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *