रुड़की(संदीप तोमर)। प्रसिद्ध जादूगर शिवम कल से अपनी जादूगरी रूड़की में दिखाएंगे। अपनी जादूगरी के बूते लिम्का बुक में अपना नाम दर्ज करवा चुके सम्राट शिवम का शो अन्य जादूगरों से अलग होगा। दर्शकों के सामने ही घोड़ा और बाईक गायब करने के साथ अपने शरीर को ही दो हिस्सों में काट देना देख लोग जरूर दांतो तले उंगली दबा जाएंगे।
रुड़की के वैशाली मंडप में आयोजित पत्रकार वार्ता के दैरान सम्राट शिवम ने जादू के अद्धभुत कारनामे दिखाए। उसमें किताब के अंदर से गिटार और तबले निकालना और आंखों ही आंखों में काजू बादाम तैयार कर देना आदि अहम रहे। उन्होंने बताया कि देश के विभन्न हिस्सो में वह शो कर चुके है औऱ लोगों का भरपूर प्यार वहां उन्हें मिला है। अब 19 जुलाई की शाम से रुड़की में शो शुरू हो जाएंगे। जादूगर शिवम ने बताया की धन कमाना ही उनका उद्देश्य नहीं है बल्कि आज के समय में देशवासी अंधविश्वास में पड़े हैं क्योंकि कुछ लोग तांत्रिक महत्व बताकर भोले भाले लोगों को ठगने का काम करते हैं। उन्होंने कहा जादू के माध्यम से लोगों को जागरूक करने के लिए रुड़की आए हैं उन्होंने कहा कि हर उम्र के लोग अपने पूरे परिवार के साथ जादू देख सकते हैं। अपने भारत देश की महान कला आज धीरे धीरे लुप्त होती जा रही है। इस धरोहर को बचाने के लिए ही उन्होंने इस कला को सुरक्षित किया हुआ है। जादूगर शिवम ने बताया कि अपने शो के दौरान में आरा मशीन से जादूगर अपने खुद के दो टुकड़े करके दिखाएंगे। खाली हाथों से नोटों की बरसात करना, मिस्र देश की ममी जिंदा होकर हवा में गायब होना, पलक झपकते ही लड़की के पेट में बाल आर पार कर देना, नाचती लड़कियों को कार गोरिल्ला बना देना मुख्य आकर्षण होंगे।
उन्होंने बताया कि उनका शुरू होगा 19 जुलाई शाम 7:00 बजे शहर विधायक प्रदीप बत्रा के कर कमलों द्वारा जादूगर शो का उद्घाटन किया जाएगा।
जादू के जरिये कुरीतियों के खिलाफ देंगे संदेश…..
जादूगर शिवम ने बताया कि 2 घंटे के दौरान जादू करते हैं उसमें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, कन्या भ्रूण हत्या पाप ही नहीं महापाप है। स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत नशाखोरी से बचें और आसपास के लोगों को बचाएं एक सुंदर समाज बनाएं तथा सुंदर बात का निर्माण करें। आदि संदेश दिए जाते है।
कला को विलुप्त होने से बचाने की मांग
जादूगर शिवम ने कहा आज हिंदुस्तान के जादूगर को जा सकता है। जादू की कला देश में लुप्त होती जा रही है। उन्होंने सरकार से मांग की कि जादू की कला को जीवित रखने के लिए इसके स्कूल खोले जाने चाहिए।