रुड़की(संदीप तोमर)। नेताओं के प्यादों का काम होता है अपने नेता के नाम और काम का प्रचार करना। उसके लिए जनता के बीच ऐसी ग्राउंड तैयार करना कि जनता उसे असीम स्नेह दे,लेकिन कभी-कभी यह राजनीतिक प्यादें अपने नेता को यह दर्शाने के फेर में कि वह उसके लिए बहुत कुछ कर रहा है,बहुत ज्यादा जल्दबाजी में ऐसी बात कह जाते हैं कि उल्टा जनता में उनके नेता के लिए ही वह गलत सन्देश दे देती है। शोसल मीडिया के दौर में तो यह काम बहुत तेजी के साथ सन्देश देता है,जैसा आज हुआ भी है कि रुड़की मेयर गौरव गोयल के प्यादों द्वारा फेसबुक की एक पोस्ट पर किये गए कमेंट्स ने मेयर की फजीहत करा दी है। इसी प्रकरण से जुड़कर एक और मामला खड़ा हो गया है कि रुड़की की सड़कों के गड्ढों का डामरीकरण नगर निगम किसके कहने से करवा रहा है। नेताओं और समर्थकों के दावों की उलाझाहट के बीच यह शायद सीबीआई जांच का विषय बन गया है।
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बात आगे बढ़ाने से पहले भूमिका कुछ यूं यह है कि शुभम शर्मा नामक युवक युवा है तो आजकल मोदी जी के युवाओं के सकारात्मक राजनीति से जुड़ने के आह्वान से प्रेरित हो (शायद) तत्कालीन भाजपा नेता गौरव गोयल से जुड़ गया। बाद में गौरव गोयल को मेयर पद हेतु भाजपा से टिकट नही मिला,तो शायद खुद के आदर्श और घर परिवार के संस्कारों के कारण शुभम शर्मा ने भाजपा के बागी होने के बावजूद गौरव गोयल का साथ नही छोड़ा और उनके चुनाव में दिन रात मेहनत की। गौरव गोयल चुनाव जीतकर मेयर बन गए,इसके बाद कुछ दिन तक शुभम शर्मा,गौरव गोयल के साथ नजर आये,लेकिन कुछ वक्त से वह बिल्कुल गौरव गोयल से अलग हो भाजपा प्रदेश प्रवक्ता मयंक गुप्ता से जुड़ गए और आजकल उन्ही के साथ नजर आते हैं। उनके गौरव गोयल से पाला बदल की क्या वजह रही यह तो एक समय गौरव,गौरव जपने वाले शुभम शर्मा ही बता सकते हैं,लेकिन सूत्रों का कहना है कि कथित रूप से मेयर गौरव गोयल द्वारा अलग-अलग तीन बार शुभम शर्मा की व्यक्तिगत बेइज्जती करना कथित रूप से इसकी वजह बना है। (इस बाबत शुभम शर्मा खंडन करेंगे तो रुड़की हब अलग से न्यूज़ देगा)
बहरहाल आजकल नगर में सड़कों के गड्ढों को नगर निगम द्वारा डामरीकरण से भरने का काम चल रहा है तो शुभम शर्मा ने फेसबुक पर एक पोस्ट की जिसमें उन्होंने दावा किया कि यह काम मयंक गुप्ता के कहने पर नगर निगम प्रशासन करवा रहा है। उनके इस दावे पर तुरंत मेयर गौरव गोयल के राजनीतिक प्यादों की जमात उन पर चिपट पड़ी। गौरव गोयल के एक राजनीतिक प्यादें आलोक सैनी ने तो उनके लिए “नक्काल” शब्द का इस्तेमाल भी किया। यानि शुभम शर्मा अब नकली हो गए,तब असली थे जब निगम चुनाव में गौरव गोयल के साथ थे। मेयर प्यादें अनुराग कौशिक ने भी कमेंट किया,वह फिर भी एक दायरे में था। सबसे अहम बात रुड़की हब की कई खबरों का हवाला देते हुए कुछ आम जन ने मेयर से जलभराव को लेकर सवाल भी उठाए। यह सब तो खैर राजनीतिक विषय है ही,दूसरा राजनीतिक मसला इसी मामले से जुड़कर सीबीआई जांच तक जैसे शब्द तक यूं पहुंच गया है कि शुभम शर्मा ने उपरोक्त कार्य मयंक गुप्ता के कहने पर होने का दावा किया,जबकि उधर रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा खुद दावा कर रहे हैं कि यह काम वह करवा रहे हैं(उनका अधिकृत fb पेज)। यानी नगर निगम तीन लोगों मयंक गुप्ता,मेयर गौरव गोयल,विधायक प्रदीप बत्रा इनमें से किसके कहने से यह काम कर रहा है? यह सीबीआई जांच का विषय शायद हो गया है। बाकि नगर निगम प्रशासन से जवाब तलाशने को देर शाम होने के कारण किसी अफसर से सम्पर्क नही हो पाया,जब कल हो जाएगा तो वह भी बताया जाएगा।
(सभी सम्बंधित लोगों के fb पर हुए कमेंट्स के स्क्रीन शॉट खबर में प्रकाशित हैं,फिर भी उन्हें अपना कोई पक्ष रखना हो तो उनका स्वागत है।)