नितिन कुमार/रुड़की हब
रुड़की।कश्यप धर्मशाला में वीरांगना फूलन देवी के शहादत दिवस पर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई,जिसमें कश्यप समाज सहित सर्वसमाज के लोगों द्वारा उनके जीवन पर प्रकाश डाला गया तथा उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई।मुख्यवक्ता के रूप में बोलते हुए उत्तराखंड निषाद पार्टी के प्रदेश प्रभारी जय भगवान
कश्यप ने बिरंगाना फूलन देवी की बहादुरी एवं उनके जीवन काल पर प्रकाश डाला। विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि बिरंगाना फूलन देवी का का जन्म 10 अगस्त 1963 ( मल्लाह ) कश्यप गांव गोरहा,जिला जालौन,उत्तर प्रदेश में हुआ था और उनकी शादी ग्यारह वर्ष की आयु में उम्मेद सिंह से हुई थी,लेकिन कुछ दिन बाद ही विवाह टूट गया और फूलन देवी की साथ दुराचार होना शुरू हो गया।उन्होंने कहा कि बहन फूलन देवी ने हिम्मत नहीं हारी और अत्याचार के खिलाफ संघर्ष किया।बाद में वे सांसद बनी।फूलन देवी सांसद बनने के बाद अपने कश्यप समाज की 17 उप जातियों की अगुवाई कर उनको संगठित करने के कार्य में लग गई तो उनकी हत्या कर दी गई। श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में रीनू कश्यप,सुशील कश्यप,मनोज कश्यप,मोहित कश्यप,मोनू कश्यप,मांगेराम कश्यप,कालूचंद कश्यप,श्रीमती मंजू कश्यप,अंजुम गौर,कविता कश्यप,मेघा वोहरा आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे।