गुर्जर मिलन समिति द्वारा गुर्जर भवन मे बुलाई गई बैठक, गुर्जर प्रतिहार महान शासक सम्राट मिहिर भोज के विषय में जो राजपूतों द्वारा विवादास्पद बातें कहीं उस पर बैठक में चर्चा कर रोष व्यक्त किया


रिपोर्ट रुड़की हब
रुड़की।आज दिनांक 9 अक्टूबर 2021 को गुर्जर मिलन समिति की एक बैठक अध्यक्ष चौधरी राजेंद्र प्रसाद एडवोकेट की अध्यक्षता में निर्माणाधीन गुर्जर/भवन गुर्जर अतिथि गृह पर आहूत की गई। जिसका संचालन

महासचिव सूबेदार मेजर अंतर पाल सिंह ने किया। बैठक में गुर्जर प्रतिहार राजवंश के महान शासक चक्रवर्ती सम्राट मिहिर भोज के विषय में जो राजपूतों द्वारा विवादास्पद बातें कहीं उस पर बैठक में चर्चा हुई और उसका घोर विरोध करते हुए रोष व्यक्त किया। इसके उपरांत बैठक में सभी गुर्जर समाज के लोगों ने अपने विचार रखें और कहा की मिहिर भोज गुर्जर प्रतिहार राजवंश के राजा थे जिन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी हिस्से में लगभग 49 वर्षों तक शासन किया इसके राज्य का विस्तार नर्मदा के उत्तर में और हिमालय की तराई तक रहा । वे प्रतिहार वंश के सबसे महान शासक थे ।और इतिहासकार प्रोफेसर वी0डी0 महाजन ने अपनी किताब में लिखा है कि मिहिर भोज प्रतिहार वंश के सबसे शक्तिशाली शासक हुए। तथा 851 ई 0 में भारत भ्रमण पर आए अरब यात्री सुलेमान ने उन्हें गुर्जर राजा कहा। भारत के इतिहास में 1300 ईसवी से पहले राजपूत नाम की किसी जाति का कोई उल्लेख नहीं है । क्षत्रिय राजपूत कोई जाति नहीं है। क्षत्रिय केवल एक वर्ण है राजपूतों का यह बिना वजह का विवाद है। गुर्जर सम्राट मिहिर भोज के विषय में हम सभी को इतिहास में भी पढ़ा गया है जिसका इतिहास गवाह है यदि ये लोग जो बिना वजह का विवाद पैदा कर रहे हैं नहीं मानतेहै। तो गुर्जर समाज और गुर्जर मिलन समिति इनके विरुद्ध हर प्रकार का घोर विरोध करेगा व आंदोलन करेगा। जय भारत जय गुर्जर। बैठक में उपस्थित चौधरी राजेंद्र प्रसाद एडवोकेट, सूबेदार मेजर अंतर पाल सिंह,चौधरी विजय सिंह, चौहान, प्रधान विजय सिंह, ओंकार सिंह चौहान, मास्टर दिनेश सिंह, मास्टर वीर सिंह पंवार, जगत सिंह आर्य , रोहिताश आर्य, विक्रम सिंह सोनू, मुखिया जी, राकेश कुमार चौधरी, सचिन प्रधान, दीपक छवडी, पवन प्रधान, अमरीश कुमार, विजय पाल सिंह, एवं अन्य गुर्जर समाज के सम्मानित लोग उपस्थित रहे

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