भाजपा विधायक की पत्नी ने बेरोजगार बताकर लिया दस लाख का कर्ज, मुकदमे के आदेश
नितिन कुमार
खुद को बेरोजगार बताकर उत्तराखण्ड के भाजपा विधायक की पत्नी ने दस लाख का लोन लेकर बडा फर्जीवाडा किया है। भाजपा विधायक की पत्नी ही नहीं हरिद्वार के कई करोडपतियों ने ऐसे ही झूठे शपथ पत्र देकर सरकारी योजना का लाभ लिया है। ये आरोप लगाया है कि वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण भदौरिया ने। कोर्ट ने अरुण भदौरिया की दलील को मानते हुए इस मामले में आपराधिक मुकदमा दर्ज करने के आदेश कर दिए है। यही नहीं इस मामले में 2003 से 2011 तक हरिद्वार में रहे जिलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारी, जिला पर्यटन अधिकारी सहित कर्ज देने के जिम्मेदार दूसरे अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।bjp-mla-wife-got-loan-court-give-order-to-file-fir-in-uttrakhand
Manisha Batra
वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण भदौरिया ने बताया कि वीर चंद्र सिंह गढवाली स्वरोजगार योजना के तहत बेरोजगारों को कर्ज दिया जाना था जिसमें पच्चीस प्रतिशत की छूट थी। इस योजना में ये शर्त थी कि लाभार्थी का बेरोजगार होना जरूरी है। लेकिन 2003—4 से 2011 तक हरिद्वार जनपद में करीब 250 लोगों को करोडों रुपए को लोन बांटे गए जिनमें से सभी ने खुद को बेरोजगार बताया। लेकिन इन बेरोजगार में अधिकतर ऐसे थे जिनका रोजगार था और ये आईटीआर भी भर रहे थे।
उन्होंने बताया कि मनीषा बत्रा पत्नी प्रदीप बत्रा निवासी 33 सिविल लाइन रूडकी ने दस लाख रुपए का लोन लिया और ढाई लाख रुपए की सब्सिडी का लाभ उठाया। इसी तरह होटला कारोबारी अंजनी चडढा ने भी लोन लिया। नीरज सिंघल, अशोक कुमार आदि ऐसे कई नाम है जिन्होंने बेरोजगार होने का झूठा शपथ पत्र दिया है। 2011 में इसकी शिकायत रानीपुर थाने में की गई थी। लेकिन पुलिस ने तब मुकदमा दर्ज नहीं किया। आपको बता दें कि प्रदीप बत्रा रूडकी से भाजपा के विधायक है और उनकी पत्नी रूडकी डीपीएस स्कूल की डायरेक्टर हैं।
इसके बाद उन्होंने सीआरपीसी की धारा 156—3 के तहत मुकदमा दर्ज कराने के लिए प्रार्थना पत्र डाला। इसमें कोर्ट ने पुलिस से जवाब मांगा और पुलिस ने इसमें विवेचना का विषय बताया। इस पर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस मामले में पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए है। अरुण भदौरिया ने बताया कि उन्होंने जिलाधिकारी हरिद्वार, मुख्य विकास अधिकारी, जिला पर्यटन अधिकारी, प्रबंधक जिला अग्रणी बैंक हरिद्वार, महाप्रबंधक जिला उद्वोग केंद्र हरिद्वार आदि के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए कोर्ट से आग्रह किया था। इस आधार पर इन सभी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।