गुरुवार को भाजपा में होगी पूर्व मेयर यशपाल राणा की घर वापसी??


रुड़की(संदीप तोमर)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं भाजपा के फायर ब्रांड नेता योगी आदित्य नाथ के गुरुवार को रुड़की के नेहरु स्टेड़ियम में होने वाली जनसभा के कार्यक्रम को लेकर आला भाजपा नेताओं ने 50 हजार लोगों की भागीदारी का लक्ष्य रखा है। यह भागीदारी होगी या नही? इतनी चर्चा आज बुधवार को इस बात को लेकर नही है, जितनी चर्चा इस बात को लेकर हो रही है कि कथित रुप से कांग्रेस नेता एवं रुड़की के पूर्व मेयर यशपाल राणा आज इस जनसभा के दौरान भाजपा में फिर से शामिल होंगे?
हालांकि इस बात की कोई अधिकारिक पुष्टि नही हुई है। लेकिन ऐसी चर्चाओं का बाजार आज रुड़की के राजनीतिक क्षेत्र में सुबह से गर्म है। दरअसल इन चर्चाओं को यूं तो तभी बल मिल गया था, जब भाजपा की राजनीति के समय में यशपाल राणा के नजदीकी समझे जाने वाले पूर्व विधायक सुरेश चंद जैन दो साल बाद पिछले दिनों भाजपा में वापस आ गये थे। इसके साथ ही कहा जाने लगा था कि इस खेमे के अन्य लोगों की भी भाजपा में इस लोकसभा चुनाव के दौरान वापसी होगी। ध्यान रहे कि जब तक सुरेश चंद जैन भाजपा में रहते विधायक रहे, यशपाल राणा बतौर सभासद उनके बेहद करीबी रहे। यहां तक कि भाजपा से पार्षद का टिकट ना मिलने पर 2013 में राणा भाजपा छोड़कर निर्दलीय रुप से मेयर के लिए चुनाव मैदान में उतरे तो सुरेश चंद जैन पर भाजपा में रहते उनके लिये काम करने का आरोप भी लगा। इसके बाद भाजपा से विधायक का टिकट ना मिलने पर बतौर कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश चंद जैन मैदान में आये, तो मेयर व कांग्रेस नेता के रुप में यशपाल राणा ने उनका पूरा साथ दिया। राणा के गुरुवार को होने वाली योगी की जनसभा के दौरान भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं यूं भी आज बलवती हैं, क्योंकि राजनीतिक रुप से यशपाल राणा की नजर में बेहद महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले उनके ही गुट के पूर्व सभासद एडवोकेट बिजेन्द्र वर्मा की भी कल भाजपा में वापसी हो चुकी है। ऐसे में आज राजनीतिक गलियारों में यही चर्चा व्याप्त है कि कल होने वाली यूपी के सीएम की जनसभा के दौरान पूर्व मेयर यशपाल राणा की भाजपा में वापसी हो जायेगी? भाजपा के एक स्थानीय नेता ने नाम ना छापने की शर्त पर आज यशपाल राणा को कथित रूप से देहरादून मुख्यमंत्री आवास पर देखे जाने की अपुष्ट जानकारी भी दी है। जहां तक मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की बात है तो भाजपा की राजनीति के समय से उनकी राणा से निकटता की बात भी किसी से छिपी नही है। यहां तक की मुख्यमंत्री के एक निकट पदाधिकारी पर तो राणा के पार्षद चन्द्र प्रकाश बाटा से हुए विवाद के दौरान राणा की राजनीतिक रुप से मदद करने के आरोप भी लगे थे। खैर इन चर्चाओं व भाजपा नेता के दावे में कितना दम है? इसका खुलासा बृहस्पतिवार को हो जायेगा। इस सम्बन्ध में सही जानकारी करने के लिए मेयर यशपाल राणा का फोन कई बार मिलाया गया लेकिन उनका फोन नही उठा। अलबत्ता उनके समर्थक पंकज शर्मा व कमल चावला ने ऐसी किसी तैयारी की जानकारी होने से इंकार किया। जबकि उनके निकटस्थ भाजपा के ही एक नेता ने उनसे हुई बातचीत के आधार पर इन चर्चाओं को गलत बताया। उनके समर्थक कमल चावला ने उनके बारे में प्रदेशाध्यक्ष प्रीतम सिंह के चुनाव प्रचार में व्यस्त होने की बात कही।

तो प्रदीप बत्रा की बढ जायेंगी और मुश्किलें

यदि यशपाल राणा की भाजपा में वापसी होती है तो मौजूदा रुड़की भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा के लिए भाजपा की राजनीति में मुश्किलें बढ जायेंगी। हाल फिलहाल पूर्व विधायक सुरेश चंद जैन की भाजपा में वापसी किसी के लिए सबसे ज्यादा कष्टकारी कही जा रही है तो वह भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा ही है। ऐसे में प्रदीप बत्रा से राजनीतिक ही नही बल्कि एक दौर सुरेश चंद जैन के ही खेमे के रहे यशपाल राणा की भाजपा में वापसी होती है तो प्रदीप बत्रा की राजनीतिक दिक्कत और बढ जायेगी।

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