मोदी मंत्रिमंडल में रमेश पोखरियाल निशंक को मिली जगह, कैबिनेट मंत्री के रूप मे ली शपथ

देहरादून, । उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर भाजपा को लगातार दूसरी बार रिकार्ड मतों से हासिल जीत का ही असर रहा कि रमेश पोखरियाल निशंक को मोदी सरकार में बतौर कैबिनेट मंत्री एंट्री मिल गई। उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद यह पहला अवसर है जब राज्य के किसी सांसद को सीधे कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। महत्वपूर्ण बात यह भी कि निशंक को मंत्रिमंडल में जगह देकर पार्टी ने उत्तराखंड में क्षेत्रीय, जातीय, सामाजिक और गुटीय संतुलन को भी साध लिया।


लगातार दूसरी बार पांचों सीटों पर जीत

पिछली बार की तरह इस बार भी उत्तराखंड की पांचों सीटों पर भाजपा ने परचम फहराया। हरिद्वार से रमेश पोखरियाल निशंक, टिहरी से माला राज्यलक्ष्मी शाह और अल्मोड़ा से अजय टम्टा लगातार दूसरी बार सांसद चुने गए, जबकि पौड़ी से तीरथ सिंह रावत व नैनीताल से अजय भट्ट पहली दफा लोकसभा पहुंचे। इनमें से निशंक पूर्व मुख्यमंत्री हैं तो टम्टा पिछली मोदी सरकार में राज्य मंत्री के रूप में शामिल रहे। अजय भट्ट भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हैं, जबकि तीरथ सिंह रावत पार्टी के राष्ट्रीय सचिव।

उत्तराखंड के कद्दावर नेताओं में शुमार

इन दिग्गजों के बीच निशंक को केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया तो इसका सीधा मतलब है कि उन्हें वरिष्ठता के कारण तरजीह मिली। निशंक अविभाजित उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। उत्तराखंड के अलग राज्य बनने पर वह अंतरिम सरकार में वित्त समेत कई विभागों के मंत्री बने। वर्ष 2007 में भाजपा के राज्य में सत्ता में आने पर उन्हें स्वास्थ्य मंत्री का जिम्मा दिया गया। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की पांचों सीटों पर भाजपा का सफाया हो गया तो तत्कालीन मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी के उत्तराधिकारी के रूप में उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली। वह लगभग सवा दो साल मुख्यमंत्री रहे।

पिछली बार भी थे मंत्री पद के दावेदार 

पिछले लोकसभा चुनाव में विधायक रहते हुए भाजपा ने निशंक को हरिद्वार लोकसभा सीट से मैदान में उतारा और वह आसानी से जीत भी गए। हालांकि उस वक्त भी निशंक को केंद्र में मंत्री पद का दावेदार माना जा रहा था, लेकिन तब अल्मोड़ा के सांसद अजय टम्टा को राज्य मंत्री बनाया गया। बतौर सांसद अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान निशंक सदन में खासे सक्रिय रहे। उन्हें लोकसभा की सरकारी आश्वासन समिति के सभापति का दायित्व दिया गया। निशंक लोकसभा में उत्तराखंड के सबसे ज्यादा सक्रिय सांसद के रूप में नजर आए। ये ही तमाम कारण रहे कि उन्हें अब टीम मोदी में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया गया।

साधा एक साथ कई तरह का संतुलन

निशंक की ताजपोशी से भाजपा ने उत्तराखंड में कई तरह का संतुलन साधने में कामयाबी पाई है। निशंक हैं तो मूल रूप से गढ़वाल के निवासी, लेकिन लोकसभा में वह राज्य के मैदानी हिस्से हरिद्वार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, यानी क्षेत्रीय संतुलन के पैमाने पर फिट। उत्तराखंड के लिहाज से देखें तो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत राजपूत हैं और निशंक ब्राह्मण। मतलब राज्य के दो शीर्ष नेताओं के मध्य जातीय संतुलन भी सध गया। हरिद्वार लोकसभा सीट राज्य की ऐसी सीट है, जहां पर्वतीय, मैदानी मूल के लोगों के साथ ही मुस्लिम, अनुसूचित जाति और ओबीसी मतदाताओं की संख्या भी खासी है। यानी, हरिद्वार सीट पूरे राज्य के सामाजिक ढांचे को एक साथ प्रतिबिंबित करती है। निशंक उत्तराखंड में भाजपा के कद्दावर नेताओं में शुमार हैं, लिहाजा उन्हें केंद्र में मंत्री बनाकर पार्टी के आंतरिक समीकरणों में भी संतुलन स्थापित किया गया है।

प्रधानमंत्रीजी के विजन को जमीन पर उतारने का पूरा प्रयास करूंगा: निशंक1

रमेश पोखरियाल निशंक ( केंद्रीय मंत्री व सांसद हरिद्वार) का कहना है कि मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का हार्दिक आभार। केंद्र सरकार के मंत्री के रूप में मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को जमीन पर उतारने का पूरा प्रयास करूंगा। यही मेरा मिशन रहेगा। पूरी दुनिया में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की अलग पहचान बनाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यaaक्ष अमित शाह मंत्रिमंडल में जो भी जिम्मेदारी सौंपेंगे, उस पर खरा उतरने की पूरी कोशिश रहेगी।

एक परिचय 

डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, सांसद (हरिद्वार, उत्तराखंड)  पिता- स्व. परमानंद पोखरियाल मां- स्व. विशंभरी देवीजन्म- 15 जुलाई 1959जन्म स्थान- पिनानी, पौड़ी गढ़वाल शादी- 7 मई 1985पत्नी- कुसुमकांता शिक्षा- एमए, पीएचडी(ऑनर्स), डी. लिट(ऑनर्स), हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी श्रीनगर।साल 1991 से साल 2012 तक पांच बार यूपी और उत्तराखंड की विधानसभा पहुंचे। साल 1991 में पहली बार उत्तर प्रदेश में कर्णप्रयाग विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित। जिसके बाद लगातार तीन बार विधायक बने।साल 1997 में उत्तर प्रदेश सरकार में कल्याण सिंह मंत्रिमंडल में पर्वतीय विकास विभाग के मंत्री बने। साल 1999 में रामप्रकाश गुप्त की सरकार में संस्कृति पूर्त व धर्मस्व मंत्री।2000 में उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद प्रदेश के पहले वित्त, राजस्व, कर, पेयजल सहित 12 विभागों के मंत्री।वर्ष 2007 में उत्तराखंड सरकार में चिकित्सा स्वास्थ्य, भाषा तथा विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के मंत्री।वर्ष 2009 में उत्तराखंड के सबसे युवा मुख्यमंत्री।वर्ष 2012 में डोईवाला (देहरादून) क्षेत्र से विधायक निर्वाचित। वर्ष 2014 में डोईवाला से इस्तीफा देकर हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित।निशंक एक कवि भी हैं।

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