नितिन कुमार/गौरव वत्स (रुड़की हब)
रुड़की। कहते हैं चिकित्सक भगवान का रूप होते हैं यह बात सच कर दिखाई है चिकित्सक अभिषेक त्यागी ने। उन्होंने न सिर्फ एक निर्धन परिवार की किशोरी का निशुल्क उपचार किया बल्कि उसे नया जीवन दान देने के लिए कोई कसर नही छोड़ी। कई बड़े अस्पतालों ने उसके ईलाज के लिए इंकार कर दिया था।
रुड़की के मोहनपुरा निवासी मिट्टी के बर्तन बनाने वाले एक व्यक्ति की 16 वर्षीय बच्ची की कुछ दिनों पहले अचानक तबियत बिगड़ गई। परिजन उपचार के लिए रुड़की से देहरादून तक कई अस्पतालों में ले गए।
लेकिन कई अस्पतालों ने किशोरी की हालत गम्भीर बताते हुए उपचार से इनकार कर दिया तो कुछ ने ईलाज का खर्च इतना बताया कि चार बच्चियों का निर्धन पिता इस खर्च को उठाने में सक्षम नही था। उसके बाद किशोरी का पिता उसे ढंढेरा स्थित पारुल क्लीनिक में डॉ अभिषेक त्यागी के पास लेकर आया।
डॉ अभिषेक ने बच्ची का चेकप करवाया तो उसका हिमग्लोबिन 1.5 होने के साथ अन्य गम्भीर दिक्कतें थी डॉ अभिषेक ने उसका उपचार किया अब किशोरी का हिमग्लोबिन 3.5पहुंच गया है और वह खतरे से बाहर है वहीं डॉक्टर त्यागी ने उपचार के लिए एक भी रुपया नही लिया उन्होंने बताया कि किशोरी को अब ब्लड की जरूरत है और उसके बाद उसके कुछ टेस्ट्स होने हैं।इसके लिए लोग उस परिवार की मदद को आगे आएंगे तो किशोरी जल्द स्वस्थ हो सकती है। वहीं उनका कहना है कि वह कई ऐसे लोंगो का निशुल्क उपचार कर रहे हैं भविष्य में भी करते रहँगे।