देशराज को डरपोक काला चूहा बताया चैम्पियन ने,नेहरु स्टेडियम के अखाड़े में पहुंच ललकारा,जानिए और क्या-क्या कहा….

रुड़की(संदीप तोमर)। कहां है, काला चूहा। जब हिम्मत नही थी तो क्यों 53 इंची को चैलेंज कर रहा था। ऐसे ही कुछ बोल थे आज खानपुर क्षेत्र के भाजपा विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन के। जो कि उन्होंने कल झबरेडा के भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल को नेहरु स्टेड़ियम पहुंच कर दो-दो हाथ कर लेने की दी गई चुनौती के क्रम में कहें।

दोनों भाजपा विधायकों के बीच जारी लड़ाई में कल जो माहौल गर्म हुआ था वह आज भी ठंडा नही हो सका। बस अभी तक इतनी शांति है कि आज कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन की ओर से ही अभी तक वार हुआ है। आज के घटनाक्रम पर गौर कर लेने से पहले थोड़ा सा फ्लैशबैक में कल का घटनाक्रम जान लेने पर पूरी तस्वीर लगभग जीवन्त हो जायेगी। यूं तो दोनों के बीच कई दिनों से वाकयुद्ध जारी है लेकिन कल चैम्पियन ने इस युद्ध को कुशती युद्ध में बदलने का आहवान देशराज से तब किया था जब कल सुबह देशराज कर्णवाल ने उन्हें फर्जी चैम्पियन करार देते हुए कहा था कि उन्होंने कभी गुल्ली डंडा भी नही खेला। इसके साथ ही उन्होंने चैम्पियन को सर्कस का शेर करार दिया था। इसके जवाब में कल दोपहर प्रेसवार्ता में चैम्पियन ने देशराज कर्णवाल को आज दोपहर बारह बजे नेहरु स्टेड़ियम पहुंचकर दो-दो हाथ करने की चुनौती दी थी। साथ ही कहा था कि उनका एक थप्पड़ भी देशराज नही झेल पायेंगे। इस बीच बीती रात्री हुए घटनाक्रम में भी चैम्पियन ने देशराज पर ठंडे तरीके से निशाने साधे थे। आज सुबह से कुछ लोगों द्वारा यह चर्चा भी की जा रही थी कि दोनों के बीच कथित समझौता हो गया है। यह चर्चा उस समय पूरी तरह झूठी साबित हुई जब लगभग बारह बजे चैम्पियन खेमे से मीड़िया को संदेश आया कि चैम्पियन साढे बारह बजे देशराज कर्णवाल को दी गई चुनौती के क्रम में नेहरु स्टेड़ियम पहुंच रहे है। लगभग 12.40 पर चैम्पियन का काफिला नेहरु स्टेड़ियम पहुंचा और वह यहां अपने समर्थकों के साथ एक साईड़ में खुदे कुशती अखाड़े के किनारें पर खड़े हो गये। यहां उन्होंनें कहा कि कहां है काला चूहा। डरपोक कहां छिप गया है, जब हिम्मत नही थी तो क्यों 53 इंची छाती वाले चैम्पियन को चैलेंज कर रहा था। उन्होंने दोनों के बीच समझौते की कथित खबर को यह कहते हुए खारिज किया कि शेर का गीदड़ के साथ समझौता नही हो सकता। इसके साथ ही उन्होंने दोहराया कि फर्जी प्रमाण पत्र मामले में देशराज को व कथित हत्या मामले में उनकी पत्नी को जेल भिजवाकर रहेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कल अम्बेड़कर जयन्ती पर अपने रंग महल में हो रहे दलित सम्मान समारोह की जानकारी देते हुए बताया कि आचार संहिता के कारण यह सामाजिक तरह का कार्यक्रम होगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक च
चौधरी यषवीर सिंह व उनके पुत्र की भाजपा में सदस्यता उनके प्रयासों से ही हुई है। उन्होंने कहा कि देशराज कर्णवाल ने तो इसमें अडंगा लगा दिया था। यदि देशराज अडंगा ना लगाते तो यह सदस्यता पहले ही हो गई होती। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने दोहराया कि झबरेड़ा क्षेत्र के दस हजार से ज्यादा गुर्जर वोट देशराज कर्णवाल को उनके ताउ जी के प्रयासों से ही मिल पाये थे। ऐसा कहकर एक बार फिर उन्होंने देशराज कर्णवाल की जीत में कर्णवाल के दावे अनुसार चौधरी कुलवीर सिंह के योगदान को नकार कर इसका श्रेय लंढौरा रियासत को दे दिया है।
इसके साथ ही उन्होंने चौ.कुलवीर सिंह को हार का चैम्पियन करार देते हुए कहा कि हारे के चैम्पियन के बूते नही बल्कि असली चैम्पियन के ताऊ के बूते देशराज को जीत मिली,पर तब यह नही पता था कि यह व्यक्ति सर्व समाज और विशेष रूप से गुर्जर समाज का दुश्मन साबित होगा। गुर्जर समाज के युवाओं का इस व्यक्ति ने बहुत उत्पीड़न कराया है किंतु अब इस व्यक्ति को वह छोड़ने वाले नही,उसे उसके गलत काम के मामले में जेल भिजवाकर ही रहेंगे। उन्होंने कई बार चिर परिचित अंदाज में छाती हिलाकर देशराज को चुनौती दी और अपनी भुजाएं लहराई। युवाओं में उन्हें देखने को विशेष उत्साह नजर आया। अब इस प्रकरण में विधायक देशराज कर्णवाल की प्रतिक्रिया प्रतिक्षरत है।

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