इकबालपुर मिल से जुड़े किसानों के लिए भाजपा सरकार की सोच व मंशा ठीक,पर मिल प्रबंधन के फिर ठगी करने के इरादे-चौ.कुलवीर सिंह,अहम बैठक सोमवार को

रुड़की(संदीप तोमर)। इकबालपुर गन्ना मिल द्वारा सरकार से 36 करोड़ की ऋणात्मक आर्थिक सहायता के बूते इस सीजन मिल चलाकर गन्ना किसानों से गन्ना लेने की प्रक्रिया शुरू करने के प्रयास किये जा रहे हैं। क्षेत्र के गन्ना किसानों का 218 करोड़ से ज्यादा बकाया होने के चलते क्षेत्र के लोग मान रहे हैं कि मिल प्रबंधन इस सरकारी सहायता को आधार बनाकर एक बार फिर किसानों को ठगने की योजना बनाये हुए है। मामले को लेकर कल सुबह 10 बजे क्षेत्र के किसान इकबालपुर में स्व.साधुराम पांवटी के डीजल पम्प पर एक सभा करने जा रहे हैं। इस सभा में झबरेड़ा नगर पंचायत चेयरमैन मानवेंद्र सिंह के पिता एवं क्षेत्र के कद्दावर नेता चौधरी कुलवीर सिंह भी भाग लेने जा रहे हैं। बैठक में भाग लेने को लेकर चौ. कुलवीर सिंह से बातचीत ही गई। जिसमें उन्होंने किसानों की आशंका को सही ठहराते हुए जहां सरकार की मंशा को सही बताया,वहीं कहा कि इस मसले का हल मिल प्रबंधन की ओर से ही निकल सकता है और सब स्थितियों पर विचार करने के लिए ही हो रही इस बैठक में गंभीरता से मामले पर मंथन किया जाएगा।

बातचीत में चौधरी कुलबीर सिंह ने बताया कि मिल पर 500 करोड रुपए का कर्जा है। जिसमें 218 करोड किसानों का तथा 278 करोड बैंकों का है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के किसानों की समस्या को समझते हुए अब सरकार ने 36 करोड रुपए की आर्थिक सहायता मिल को देने का निर्णय लिया है,लेकिन किसानों को यह लगता है कि सरकार की मंशा तो उनके प्रति सही है पर मिल प्रबंधन इस आर्थिक सहायता के जरिए एक बार फिर उनसे ठगी करने के मूड में है। चौधरी कुलवीर सिंह ने कहा कि सरकार की सोच सही है,लेकिन मिल प्रबंधन के बारे में किसानों की आशंका गलत नहीं है। मिल प्रबंधन 36 करोड़ की आर्थिक सहायता के बूते इस सत्र में फिर गन्ने की खरीद शुरू करेगा और फिर 100 करोड़ से ज्यादा का देनदार हो जाएगा। यानि किसानों का 318 करोड़ रुपया। जबकि मिल प्रबंधन की कुल संपत्ति का आकलन किया जाए तो वह डेढ़ सौ करोड रुपए के लगभग है। ऐसे में सवाल यह है कि पिछले दो सत्र के 218करोड़ व इस सत्र के 100 करोड़ से ज्यादा रुपए की देनदारी मिल प्रबंधन अदा कैसे करेगा। मिल में मौजूद चीनी को लेकर मिल प्रबंधन किसानों के साथ कोई समिति बनाने को तैयार नहीं है। जिससे यह पता लग सके कि अंदर वास्तव में कितनी चीनी है। अहम बात यह है कि जो चीनी है वह भी बैंकों की बंधक है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के किसान सरकार की सोच की तो सराहना करते हैं, लेकिन इस बात से सरकार को भी आगाह होना चाहिए कि मिल प्रबंधन उसके द्वारा दी गई आर्थिक सहायता के बूते किसानों के साथ फिर से ठगी करने के मूड में है। इस मसले को लेकर इकबालपुर में सोमवार को होने जा रही बैठक में वह शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि यह बैठक मिल प्रबंधन,किसानों के कर्ज व मिल की स्थिति को लेकर है। बैठक में भाजपा नेता एवं झबरेड़ा नगर पंचायत चैयरमैन चौ.मानवेन्द्र सिंह भी भाग लेंगे।

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