बहादराबाद। सीबीएससी 12वीं क्लास की छात्रा ने प्रधानाचार्य से पूछा, कम मार्क्स क्यों दिए लगाया भेदभाव का आरोप, परिजनों और स्कूल प्रबंधन में हुई तीखी नोक झोंक, परिजनों ने भी बच्चों में भेदभाव करने का प्रिंसीपल पर लगाया आरोप कहा के जानबूझकर प्रधानाचार्य ने कम नम्बर दीये परिजनों ने स्कूल के प्रबन्धन मुर्दाबाद और हाय हाय के नारे ।

बहादराबाद सीबीएससी 12वीं क्लास की छात्रा ने प्रधानाचार्य से पूछा, कम मार्क्स क्यों दिए लगाया भेदभाव का आरोप, परिजनों और स्कूल प्रबंधन में हुई तीखी नोक झोंक, परिजनों ने भी बच्चों में भेदभाव करने का प्रिंसीपल पर लगाया आरोप कहा के जानबूझकर प्रधानाचार्य ने कम नम्बर दीये परिजनों ने स्कूल के प्रबन्धन मुर्दाबाद और हाय हाय के नारे ।


बहादराबाद। शिक्षा के मंदिर में शिक्षक को अपने छात्रों के साथ स्नेह, अनुशासन और प्रोत्साहन का रिश्ता रखना होता है, मिली जानकारी के अनुसार माउंट लिटेरा ज़ी स्कूल की 12वीं क्लास की छात्रा ने अपने ही स्कूल के प्रधानाचार्य पर रिजल्ट की अंको को लेकर लगाया भेदभाव का आरोप कहां की कुछ दिन पहले ही हमारा सीबीएससी 12th क्लास का रिजल्ट आउट हुआ मैंने खुद उम्मीद लगाई थी कि मेरे अंक 95 प्लस आएंगे क्योंकि मैंने प्री बोर्ड सब अच्छे हुए थे छात्रा ने कहा कि हमारे साथ अन्याय हुआ है और भविष्य में किसी के साथ ऐसा ना हो
इस पर प्रधानाचार्य ने श्रीनिवास राव ने बताया कि पेरेंट्स रिजल्ट को लेकर नाखुश है दूसरा मेरे ऊपर आरोप लगाया गया कि कुछ बच्चों के साथ अन्याय किया है किंतु कुछ ऐसा नहीं है सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जो पॉलिसी 12th क्लास की बनी है मैं समझाने की कोशिश कर रहा था किंतु परिजन मौका ही नहीं दे रहे थे हमारे स्कूल का नेशनल एवरेज 44.64 प्रतिशत दिया मैक्सिमम 46.64 तक बड़ा तो सकते ऑल ओवर एवरेज इसमें एक आईबी का सब्जेक्ट था जिसमें नेशनल 33.3 थ्योरी में मार्क्स में दो बच्चे आने थे हमने बहुत कोशिश की सभी बच्चों के साथ न्याय करने की इस जुगत पर हमारे पास कोई विकल्प नहीं था हम उनको ऊपर वाली कैटेगरी में रख नहीं सकते थे क्योंकि इसमें 14.29 परसेंट स्टूडेंट अगर हम इसको कन्वर्ट करते हैं अगर हम किसी बच्चे को अंक बढ़ाकर कंप्यूटर में अपलोड करते हैं तो कंप्यूटर एक्सेप्ट नहीं करेगा इसी के करके हमने दो बच्चों को बॉर्डर पर रखा ताकि आने वाला भविष्य उनका खराब ना हो और कोई भी स्कूल यह नहीं चाहेगा कि मेरे स्कूल का बच्चा कभी अच्छे अंक ना लाएं।
इस जानकारी को समझने के बाद कुछ परिजनों ने बताया कि हमें आईडिया नहीं था कि सी बी एस सी के मानकों के अनुसार मार्क्स देने हैं और प्रधानाचार्य की हमने बात नहीं सुनी हम गुस्से में थे प्रधानाचार्य से बात करने पर पता चला कि जो मार्क्स सीबीएसई बोर्ड ने दिए है उससे आगे यह मार्क्स नहीं दे सकते।

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