आर्य समाज वार्षिकोउत्सव के दूसरे दिन भजनों से मोहा मन


रुड़की(संदीप तोमर)। आर्य समाज रामनगर रुड़की के 43 वे वार्षिकोत्सव के दूसरे दिन प्रातः कालीन सत्र का आरंभ यज्ञ से किया गया। यज्ञ मदन पाल शर्मा द्वारा कराया गया। जिसमें यजमान प्रेमचंद शास्त्री सपत्नि बने। यजमान को आशीर्वाद दिया गया। उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए तदोपरांत भजनो उपदेशक योगेश आर्य द्वारा अपने भजनों से सभी का मन मोह लिया गया। भजनो के माध्यम से योगेश आर्य ने संदेश दिया कि आपको यज्ञ विधिपूर्वक करना चाहिए। दैनिक यज्ञ करने से आपके घर और आपका वातावरण दोनों शुद्ध रहते हैं। अंतःकरण पवित्र होता हैं, परमात्मा की भक्ति होती है ।जब तक मनुष्य मैं और मेरे परिवार से बाहर नही निकलेगा और सारे संसार को अपना परिवार नही समझेगा तब तक इस देश और पूरे विश्व का कल्याण नही होगा ।आचार्य मनु देव द्वारा अपने उपदेश में बताया गया कि मोक्ष प्राप्त करने के लिए आवश्यक है कि हम आत्म चिंतन करे। संसार में कर्म ही मनुष्य का कर्तव्य है। मनुष्य अपने शरीर का र्निंमाण स्वंय करे।आचार्य योगेंद्र ने अपने संबोधन में कहा कि मनुष्य को समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। कार्यक्रम में प्रधाना उषा आर्या, मंत्री अशोक कुमार आर्य, उपाध्यक्ष ज्ञान सिंह, कोषाध्यक्ष विनोद कुमार सैनी, उप मंत्री संदीप यादव, पुष्पा मदान, संतोष सैनी, तेजपाल सिंह चौहान, हरफूल सिंह राठी, सत्य प्रकाश, प्रेमचंद शास्त्री, जे डी त्यागी और अन्य आर्य समाज से आए हुए पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया।

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