फोनिक्स के बाद राडार पर आए कई और कॉलेज


करोड़ों की छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी टीम ने फोनिक्स कॉलेज के चेयरमैन चरब जैन की बृहस्पतिवार को गिरफ्तारी कर ली है। फोनिक्स के बाद अब रुड़की और भगवानपुर क्षेत्र के कई कॉलेज भी एसआईटी की राडार पर आ गए हैं। एसआईटी की जांच में कई और कॉलेजों में भी करोड़ों की छात्रवृत्ति घोटाले की बात सामने आई है। माना जा रहा है कि जल्द ही एसआईटी इन कॉलेजों पर भी शिकंजा कसते ही गिरफ्तारी करेगी। जांच में पता चला है कि इन कॉलेजों में छात्रवृत्ति के नाम पर बड़ा घोटाला किया गया है। 
छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआईटी की टीम लगातार कॉलेजों पर कार्रवाई कर रही है। पूर्व में एसआईटी ने मंगलौर विधायक काजी निजामुद्दीन के भाई समेत तीन लोगों की गिरफ्तारी की थी। अब बृहस्पतिवार को कलियर के ईमलीखेड़ा क्षेत्र स्थित फोनिक्स कॉलेज पर बड़ी कार्रवाई करते हुए कॉलेज के चेयरमैन चरब जैन को गिरफ्तार किया है। एसआईटी की जांच में लगातार छात्रवृत्ति घोटाले की परत खोल रही है। सूत्रों की मानें तो अब एसआईटी की राडार पर दिल्ली-हरिद्वार हाईवे पर स्थित एक कॉलेज और भगवानपुर क्षेत्र स्थित एक कॉलेज भी राडार पर आ गया है। बताया जा रहा है कि इन दोनों कॉलेजों में भी छात्रवृत्ति के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला किया है। जिसकी जांच पड़ताल एसआईटी कर रही है। सूत्रों की मानें तो एसआईटी की जांच में सामने निकलकर आया है इन दोनों कॉलेजों में भी छात्रवृत्ति के नाम पर बड़ा घोटाला किया गया है। घोटाले से संबंधित सारे दस्तावेज भी एसआईटी के कब्जे में हैं और सभी दस्तावेजों की पूरी जांच पड़ताल भी कर ली गई है। एसआईटी जल्द ही इन दोनों कॉलेजों पर शिकंजा कसते हुए गिरफ्तारी करेगी। इतना ही नहीं इन कॉलेजों से जुड़े लोगों से भी एसआईटी तमाम बिंदुओं पर गहनता से पूछताछ करेगी। कॉलेज से जुड़े सभी लोगों की गतिविधियों पर बराबर नजर रखी जा रही है। सूत्रों की मानें तो एक सप्ताह के अंदर ही इन कॉलेजों पर एसआईटी बड़ी कार्रवाई कर सकती है। 
एजेंट के जरिये होता था छात्रवृत्ति घोटाले का खेल 
रुड़की। कॉलेजों को करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति दिलाने का खेल यूनिवर्सिटी के ईर्द-गिर्द घूमने वाले और यूनिवर्सिटी में सेटिंग करने वाले एजेंट के जरिये होता था। एजेंट यूनिवर्सिटी में कॉलेज के काम से पहुंचने वाले कॉलेज से जुड़े लोगों को करोड़ों का खेल बताते हुए अपने जाल में फंसाते थे। करोड़ों का लालच मिलने पर कॉलेज से जुड़े लोग आसानी से एजेंट के जाल में फंस जाते थे और गड़बड़ी का खेल करते थे। इतना ही नहीं छात्रवृत्ति लेने के लिए ऊपर से लेकर नीचे तक दस से बीस प्रतिशत कमीशन का खेल चलता था। छात्रवृत्ति में करोड़ों के घोटाले सामने आने पर एक के बाद एक राज खुल रहे हैं। 
सत्ता की हनक से भरती रही तिजोरियां 
7
रुड़की। करोड़ों की छात्रवृत्ति के घोटाले की पूरा पेड़ राजनीतिक संरक्षण की छांव में पनपता रहा है। अब तक छात्रवृत्ति घोटाले में जो भी नाम सामने आए हैं, उनका कहीं न कहीं राजनीतिक लोगों से बड़ा जुड़ाव है। चाहे वह फोनिक्स कॉलेज के चेयरमैन चरब जैन हो या मंगलौर के नरुद्दीन और या फिर हरिओम त्यागी। इन लोगों का राजनीतिक से बड़ा जुड़ाव है। ऐसे में यह साफ है कि सत्ता की हनक से कॉलेजों की तिजौरियां भरती रही हैं। करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले में अब तक यह साफ हो गया है कि पूरे खेल के पीछे कहीं न कहीं बड़ा राजनीतिक संरक्षण इन कॉलेजों को मिला है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *