हरिद्वार(संदीप तोमर)। वर्ष 2022 तक किसानों की आय दो गुनी करने के लिए मा प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना के तहत मा0 मंत्री सहकारिता, प्रोटोकोल, दुग्ध विकास एवं उच्च शिक्षा धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आज 30 सितम्बर को विकास भवन सभागार हरिद्वार में सहकारिता एवं रेखीय विभागों की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में जिलाधिकारी दीपेन्द्र चौधरी, मुख्य विकास अधिकारी विनीत तोमर,जिला सहायक निबन्धक मानसिंह सैनी, मुख्य कृषि अधिकारी हरिद्वार, मुख्य उद्यान अधिकारी हरिद्वार,सहायक निदेशक मत्स्य, सहायक निदेशक दुग्ध विकास,जिला सहकारी बैंक लि0 हरिद्वार के चेयरमैन प्रदीप चौधरी, महाप्रबन्धक जिला सहकारी बैंक हरिद्वार एवं सहकारिता विभाग के अपर जिला सहकारी अधिकारी,सहायक विकास अधिकारी एवं राजकीय पर्यवेक्षक उपस्थित रहे।
सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने राज्य में किसान ओरियंटिड विभागों को जो लक्ष्य दिये गये हैं उन सभी को प्राप्त करने की निर्देश दिये। सम्पूर्ण राज्य को ऑर्गेनिक खेती की ओर ले जाने के लिए योजनायें विभागों को बतायी। किसान की मृत्यु या आपदाग्रस्त किसान के लिए सरकार की ओर से दी जाने वाली सहायता तथा वन टाइम सेटलमेंट की भी जानकारी मंत्री ने कृषकों को दी। सहकारी बैंकों में कृषकों को गड़बड़ियों से बचाने के लिए बैंको का कम्प्यूटराइजेशन किया जा रहा है। कृषकों को एक एकड़ पर एक लाख ऋण मिल सके इसका भी प्रस्ताव मांगा।
बैठक में सहकारिता विभाग द्वारा जनपद में सहकारी समितियों के माध्यम से सम्पादित क्रियाकलापों/कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की गयी, जिसमें पं0 दीनदयाल उपाध्याय योजना के अंतर्गत कृषक सदस्यों को ब्याज रहित ऋण के रूप में कुल 11622 सदस्यों को रूपये 5817.05 लाख ऋण वितरित किये जाने की जानकारी कृषि विभाग ने दी।
महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के उद्देश्य से इस योजनान्तर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों को भी सहकारी समितियों के माध्यम से 5.00 लाख रूपये तक का ब्याज मुक्त ऋण विभिन्न व्यवसायों हेतु उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है।
राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के अंतर्गत कुंभ मेला को दृष्टिगत रखते हुए जनपद हरिद्वार को 422.00 करोड़ रूपये समितियों के माध्यम से किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ करने हेतु कृषि से संबंधित विभिन्न परियोनाओं हेतु प्रस्तावित है। लालढांग बहुद्देशीय साधन सहकारी समिति लि0 के द्वारा अपने कृषक सदस्यों के माध्यम से 100 एकड़ लैमनग्रास, 100 एकड़ फूलों की खेती, 100 एकड़ सरसों की खेती व आटा, तेल, दुग्ध, डेयरी प्रोडक्ट एवं शहद हेतु प्रस्तावित है। जनपद में जिला सहकारी मत्स्य फेडरेशन के अंतर्गत मत्स्य जीवी सहकारी समितियांे के माध्यम से कम से कम 10 हजार व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध कराने हेतु जिला सहकारी मत्स्य फेडरेशन को 57 करोड़ रूपये देना प्रस्तावित है।
जनपद के विकासखण्ड भगवानपुर की 04 एमपैक्स के सदस्यों को प्रोत्साहित करते हुए उनके द्वारा कुल 200 एकड़ निजी भूमि पर मक्का की खेती करायी गयी जो पशुआहार के रूप विक्रय की जायेगी। कृषि (विपणन एवं निवेश) एवं पोरेट कॉपरेटिव का संयुक्त उद्यम द्वारा साइलेज तैयार होगा।
सहकारी समितियों की आर्थिक सुदृढ़ीकरण के उद्देश्य से पतंजलि सहकारी आरोग्य केन्द्रों की स्थापना की गयी है, जिसके माध्यम से पतंजलि द्वारा उत्पादित वस्तुओं की बिक्री प्रारम्भ की गयी है। गत रबी अभियान में गेहूं बीज 12018 कुन्तल सहकारी समितियों के माध्यम से 50 प्रतिशत अनुदान पर किसानों को वितरित किया गया। इस रबी अभियान में भी उन्नत गेहूं बीज सहकारी समितियों के माध्यम से लगभग 10 हजार कुन्तल वितरित किया जाएगा।
क्रय-विक्रय योजना के अन्तर्गत कृषकों के द्वारा उत्पादित धान क्रय मूल्य समर्थन योजना के अंतर्गत 11 धान क्रय केन्द्रों की स्थापना की गयी है। सामान्य धान का मूल्य 1815 प्रति कु0, ग्रेड ए धान का मूल्य 1835 रूपये प्रति कु0 घोषित किया गया है। क्रय केन्द्रों पर सभी व्यवस्थाएं पूर्णं कर ली गयी हैं। 01 अक्टूबर 2019 से धान का क्रय प्रारम्भ होगा।
जैविक कृषि को बढ़ावा दिए जाने के उद्देश्य से जनपद में देव भूमि जैविक उत्पादन सहकारी समिति लि0 खुब्बनपुर वि0ख0 भगवानपुर द्वारा 453 सदस्यों को समिति से जोड़ा गया है, जिसमें 256 हे0 भूमि पर जैविक उत्पादन के रूप में गेहूं, धान, अलसी, सरसों उत्पादित हो रही है। जैविक कृषि और अधिक विस्तार करने के उद्देश्य से समिति का 5000 सदस्यों को जोडा जाना प्रस्तावित है।
वर्ष 2022 तक कृषकों की आय दुगुनी किये जाने हेतु जनपद में सहकारिता विभाग अपनी सहकारी समितियों के माध्यम से कृत संकल्प के साथ प्रयासरत है।
बैठक में मंत्री सभी मत्स्य, कृषि,सहकारी समितियों के कृषकों के सुझाव भी आमंत्रित किये। जिन पर बैठक में ही सकारात्मक निर्णय लिया गया।