गन्ना किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर किसान मजदूर संगठन सोसायटी गम्भीर,उठाये अहम मुद्दे

रुड़की(संदीप तोमर) विभिन्न किसान संगठनों से जुड़े रहे वरिष्ठ एवं अनुभवी किसान नेताओं के साथ ही समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अहम जिम्मेदारी निभाने वाले गणमान्य लोगों ने एक मंच पर आकर किसान मजदूर संगठन सोसाइटी नामक जो संगठन बनाया है वह गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर बेहद गंभीर होकर काम कर रहा है। संगठन द्वारा हवाई कार्य ना कर लिखत पढ़त में बुनियादी तौर पर किसान हितों के लिए मजबूती के साथ आवाज उठाई जा रही है। इस कड़ी में हाल ही में संगठन की ओर से जिला गन्ना अधिकारी को जो ज्ञापन सौंपा गया है उसमें कई महत्वपूर्ण बिंदु बड़ी जिम्मेदारी के साथ उठाए गए हैं।
ज्ञापन में लिब्बरहेड़ी शुगर मिल में बाहरी गन्ने की खरीद का मसला उठाते हुए सवाल किया गया है कि गन्ना क्रय केंद्र रामसहाय वाला प्रथम एवं द्वितीय को जिला गन्ना अधिकारी द्वारा सहमति दी गई है या नहीं। यदि सहमति नहीं दी गई है तो स्थानीय किसानों का हित देखते हुए बाहरी गन्ने की खरीद पर पूरी तरह रोक लगाए जाने की मांग उठाई गई है। संगठन ने कहा है कि मिल के चहेते किसान बिना रोक-टोक के अपनी ट्राली बिना शिफ्ट के और बिना लाइन में लगे सीधे तौर पर तुलाई कराकर शीघ्र वापस चले जाते हैं किंतु दुख का विषय है कि साधारण किसानों को ना तो गन्ना परची मिल पाती है और ना ही शिफ्ट सिस्टम से कार्य होता है। ऐसे में उन्हें तुलाई के लिए पूरा पूरा दिन इंतजार करना पड़ता है। इस बाबत व्यवस्था बनाए जाने की मांग की गई है। संगठन ने आरोप लगाया है कि उत्तम शुगर मिल द्वारा पेराई क्षमता के हिसाब से इंडेंट जारी नहीं किया जाता है जिसकी मांग संगठन पहले से करता आ रहा है। पेराई क्षमता के हिसाब से प्रतिदिन 35000 कुंतल गन्ने का इंडेंट होना चाहिए। इसके साथ ही गन्ना क्रय केंद्र एवं गेट पर गन्ना खरीद के मामले में समान अनुपात लाने की व्यवस्था करने की मांग की गई है।आरोप लगाया गया है कि मिल में गन्ना तुलवाने के लिए गन्ना वजन एवं शिफ्ट सिस्टम लागू है किंतु इन दोनों का मिल द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है। अपने चहेते किसानों की गन्ने की पर्ची ट्राली में ट्रांसफर कर तोल देती है। हाल ही में इसका मामला पकड़ा गया है इसमें मुकदमा दर्ज होना चाहिए।इसके साथ ही यह भी देखने में आया है कि मिल ने अपने चहेते किसानों का भुगतान कर दिया है जबकि साधारण किसानों का भुगतान रोक रखा है जो की पूरी तरह गलत है। ज्ञापन के जरिए गन्ना किसानों के इन महत्वपूर्ण बिंदुओं को उठाने वालों में राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश अग्रवाल, राष्ट्रीय महासचिव राजेंद्र कुमार, सत्यपाल सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बाल चंद सैनी के साथ ही राष्ट्रीय प्रवक्ता एडवोकेट महक सिंह सैनी, मोहन सैनी, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष चौधरी सेठ पाल सिंह, संजय कुमार, नेपाल मुखिया, रामचंद्र,शौकीन व मुस्लिम आदि शामिल थे। राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश अग्रवाल का कहना है कि यदि जल्दी ज्ञापन को लेकर व्यवस्था ना बनाई गई तो संगठन आंदोलनात्मक कदम उठाएगा।

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