विधायक प्रदीप बत्रा ने कहा है कि स्वतंत्रता आंदोलन में जहां हर वर्ग के लोगों ने अपना योगदान दिया है वहीं कवियों व शायरों ने भी अपनी लेखनी के माध्यम से देश को आजाद कराने में अपनी भूमिका निभाई।


नितिन कुमार/रुड़की हब
रुड़की।नगर विधायक प्रदीप बत्रा ने कहा है कि स्वतंत्रता आंदोलन में जहां हर वर्ग के लोगों ने अपना योगदान दिया है वहीं कवियों व शायरों ने भी अपनी लेखनी के माध्यम से देश को आजाद कराने में अपनी भूमिका निभाई।विधायक प्रदीप बत्रा ने यहां आर्य कन्या इंटर कॉलेज में आयोजित स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शहीदों के सम्मान में एक कवि सम्मेलन में बतौर और मुख्यअतिथि के रुप में बोलते हुए उक्त विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि कवियों एवं शायरों ने अपनी कविताओं के माध्यम से देशभक्ति रचनाओं के माध्यम से अंग्रेजी अत्याचारों के खिलाफ जो वातावरण पैदा किया उससे जनमानस में राष्ट्रभक्ति की भावना उत्पन्न हुई।विधायक बत्रा ने कहा कि आज के समय में भी कवियों द्वारा अपनी लेखनी से समाज का मार्गदर्शन कर रहे हैं। कवि सम्मेलन का उद्घाटन नगर के लोकप्रिय विधायक प्रदीप बत्रा द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।आर्य कन्या इंटर कॉलेज मैं हुए कवि सम्मेलन अध्यक्षता करते हुए प्रबंधक वीरेंद्र गुप्ता ने कहा कि समाज में साहित्यिक चेतना जागृति पैदा करना कवियों का उद्देश्य है और हमारे संस्थान की ओर से समय-समय पर साहित्य व सांस्कृतिक क्षेत्र में मार्गदर्शन किया जाता है।उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं में देशभक्ति और राष्ट्रवाद की भावना उत्पन्न करने के विषय ऐसे देशभक्ति कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।विशिष्ट अतिथि के रूप में कवि सम्मेलन में गौरव गोयल समाजसेवी,कुंवर जावेद इकबाल,अरविंद कश्यप,सुरजीत सिंह चंदोक आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।कार्यक्रम आयोजकों द्वारा अतिथिगणों एवं कवियों को स्मृति चिन्ह आदि देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार एवं कवि पवन शर्मा तथा अल्तमश अब्बास द्वारा किया गया।कवि सम्मेलन का समापन देशभक्त कवि सैयद नफीस उल हसन की रचना से हुआ।
कवि सम्मेलन में गाजियाबाद से पधारे प्रसिद्ध कवि विष्णु सक्सेना ने अपनी रचना एवं अशआर के माध्यम से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया।उन्होंने पढ़ा कि….
जिनकी वजह से आज दिवाली और ईद है,
यह सारी निगाहें भी उन्हीं की मुरीद है।
मेरे तमाम गीत आज उनके नाम है,
शरद पर जाकर आज हुए जो शहीद हैं।
मशहूर शायर नवाज देवबंदी के अशआर पर श्रोताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया।उन्होंने पढ़ा कि….
गमले के फूलों से अब तो खुशबू गायब है,
पहले आंगन की मिट्टी से भी खुशबू आती थी।
कवि महेंद्र अश्क की रचनाओं को भी खूब सराहा गया।उन्होंने पढ़ा कि….
यह डालिया पेड़ों की परेशान ना हो जाए,
पंछी भी कहीं हिंदू मुसलमान ना हो जाए।
शायर शाहिद अंजुम ने पढ़ा कि….
मैं तेरे वास्ते दिल्ली तो छोड़ दूं लेकिन,
मुहाजिरों की कराची में आबरू क्या है।
शायर बिलाल सहारनपुरी ने इस अंदाज में पढ़ा कि….
आरजी है रस्म दुनिया दर हक़ीक़त दोस्तों,
इसलिए आम्रपाली चल पड़ी बिच्छू के साथ।
इसके अलावा शायर काशिफ रजा,नूरआलम इंदौरी,डॉ.एजाज पॉपुलर,विजय तिवारी विजय, महक भारती,अल्तमश अब्बास आदि शायरों ने भी अपनी कविताओं में रचनाओं से श्रोताओं को देर रात तक मंत्रमुग्ध किए रखा।
इस अवसर पर डॉ.नैयर काजमी, सुभाष सरीन,जकरिया गौहर, राकेश अग्रवाल किसान नेता, मोहसिन साबरी,जाकिर हुसैन, राजीव भटनागर,अरुण कोहली, प्रदूमण पोसवाल,ईश्वर लाल शास्त्री,संजीव शर्मा,इरशाद पहलवान,डॉ.साजिद हसन,रमन त्यागी,आतिफ रहमान,अंकित गर्ग,मयंक मेहंदीरता,रियाज कुरैशी,संजय वत्स,वसीउल्ला, फुरकान खान,इमरान देशभक्त, नसीम खान,सावित्री मंगला,शेखर सिंघल,नवनीत गग॔,विपिन सिंघल आदि मौजूद रहे।

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